Himachal Pradesh CM Sukhwinder Singh Sukhu: हिमाचल प्रदेश के नए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला स्थित सचिवालय में पदभार ग्रहण कर लिया है पर सुखविंदर सिंह सुक्खू की राह इतनी आसान नहीं होने वाली. आने वाले समय में उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. सीएम की कुर्सी संभालते ही सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) ने सख्त संदेश दिया है. सीएम सुक्खू ने कहा कि सरकारी दफ्तरों में लेटलतीफी और भ्रष्टाचार (Corruption) बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इसके अलावा, उन्होंने जल्द से जल्द ट्रांसपेरेंसी एक्ट (Transparency Act) लागू करने का भी आश्वासन दिया.
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आपको बता दें कि, सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज (12 दिसंबर) आधिकारिक तौर पर हिमाचल प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाल लिया. अपने दफ्तर पहुंचे सीएम सुक्खू ने कहा कि आज वह मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाल रहे हैं. सभी विधायक, डिप्टी सीएम और पार्टी के सभी सीनियर नेता राज्य के विकास के लिए मिलकर काम करेंगे. सीएम ने कहा कि जहां तक मंत्रिमंडल की बात है, कांग्रेस आलाकमान से चर्चा करके जल्द ही इसकी घोषणा की जाएगी.
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कार्यभार संभालते ही कहा कि सरकारी दफ्तरों में लेटपना और भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इसके अलावा सरकारी कामकाजों को जल्द से जल्द निपटाने के लिए ट्रांसपेरेंसी एक्ट लागू किया जाएगा, जिससे कि सभी सरकारी योजनाएं और कामों को समय पर पूरा किया जा सके. इसके अलावा सीएम सुक्खू ने कहा कि पहली कैबिनेट बैठक में पुरानी पेंशन योजना को लागू किया जाएगा. उन्होंने न्यूज एजेंसी एनएआई से बातचीत में कहा कि उनकी पार्टी ने 10 गारंटी दी हैं और सरकार उनको लागू करेगी. सीएम ने कहा, “हम पारदर्शी और ईमानदार सरकार चलाएंगे. पहली कैबिनेट बैठक में ओपीएस (ओल्ड पेंशन स्कीम) को लागू किया जाएगा.”
गौरतलब है कि कांग्रेस ने अपनी चुनावी रैली के दौरान पुरानी पेंशन योजना को फिर से बहाल करने का वादा किया था. हिमाचल प्रदेश में 2.5 लाख सरकारी कर्मचारी हैं, जिनमें से करीब 1.5 लाख नई पेंशन योजना के तहत आते हैं. 1 अप्रैल 2004 से देश में पुरानी पेंशन स्कीम को बंद कर दिया गया था, जिसमें सरकार पेंशन का पूरा पैसा देती है.
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की राह इतनी आसान नहीं होने वाली. आने वाले समय में उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. सबसे बड़ी चुनौती पार्टी के भीतर चल रही खींचतान को लेकर है. पिछले कुछ सालों में मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में नाराज विधायक पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए. सुक्खू के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपने सभी विधायकों को अगले पांच साल तक एकजुट रखने की होगी.
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इसके अलावा, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के सामने एक चुनौती यह भी होगी को वह कांग्रेस के किए गए सभी वादों को पूरा कर सकें. इसमें 300 यूनिट फ्री बिजली, पुरानी पेंशन योजना समेत दस गारंटी शामिल हैं.