यूपी के सुल्तानपुर जिले में डॉ.घनश्याम तिवारी हत्याकांड मामले में जिला प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है। नगर कोतवाल राम अशीष उपाध्याय को अधिवक्ता आजाद अहमद और Dr घनश्याम तिवारी की हत्या में लापरवाही बरतने पर सस्पेंड करने के साथ-साथ विभागीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
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सुल्तानपुर। यूपी के सुल्तानपुर जिले में डॉ.घनश्याम तिवारी हत्याकांड मामले में जिला प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है। नगर कोतवाल राम अशीष उपाध्याय को अधिवक्ता आजाद अहमद और Dr घनश्याम तिवारी की हत्या में लापरवाही बरतने पर सस्पेंड करने के साथ-साथ विभागीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
मुख्य आरोपी अजय नारायण पर 50 हजार का इनाम भी घोषित कर दिया गया है। पीड़ित परिवार द्वारा आरोपियों के खिलाफ एक अन्य तहरीर भी जिला प्रशासन को सौंपी गई है। जिसमें अजय नारायण के पिता जगदीश नारायण सिंह, उनके चाचा एवं पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष गिरीश नारायण सिंह, चचेरे भाई एवं मौजूदा भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष चंदन नारायण सिंह, विजय नारायण सिंह सहित कई अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया था।
मुख्य आरोपी के पिता को गिरफ्तार कर भेजा जेल
इसी आधार इन लोगों का नाम मुकदमें में शामिल कर बुधवार को अजय नारायण सिंह के पिता जगदीश नारायण सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। गौरतलब हो कि हत्याकांड का मुख्य आरोपी अजय नारायण सिंह नगर के नारायणपुर का रहने वाला है। लिहाजा उसके और उसके परिवारवालों द्वारा कब्जे की जमीन और अवैध निर्माण को चिह्नित किया गया और बुधवार को तीन अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चला कर उसे कब्जामुक्त करवा दिया गया।
जिलाधिकारी की मानें तो इसकी कीमत करीब 4 करोड़ है। वहीं एसडीएम और सीओ के नेतृत्व में नारायणपुर सहित आसपास के क्षेत्र में इनके द्वारा अवैध कब्जों को चिह्नित किया जा रहा है। इसके साथ ही जिस जमीन को लेकर विवाद हुआ था, उस जमीन पर राजस्व और पुलिस टीम भेज कर उसका चिन्हांकन किया गया और Dr घनश्याम तिवारी के परिवारवालों को कब्जा दिला दिया गया है।
जिलाधिकारी जसजीत कौर की मानें तो पीड़ित परिवार की आर्थिक सहायता, नौकरी सहित तमाम मांगों के लिए शासन को पत्र भेज दिया गया है। वहीं कार्यों में लापरवाही एवं शिथिलता बरतने पर नगर कोतवाल राम अशीष उपाध्याय को सस्पेंड कर दिया गया है।