यूपी में हो रहे निकाय चुनाव में भाजपा के कई दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। चार मई को होने वाले पहले चरण के मतदान के लिए दिग्गज नेताओं ने अपनी प्रतिष्ठा बचाने को अपने-अपने क्षेत्रों में पूरी ताकत झोंक दी है।
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लखनऊ । यूपी में हो रहे निकाय चुनाव में भाजपा के कई दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। चार मई को होने वाले पहले चरण के मतदान के लिए दिग्गज नेताओं ने अपनी प्रतिष्ठा बचाने को अपने-अपने क्षेत्रों में पूरी ताकत झोंक दी है।
गोरखपुर में सीएम योगी पर मेयर सहित सभी वार्डों में प्रत्याशियों को जिताने की अहम जिम्मेदारी है। तो वहीं प्रयागराज में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह की साख दांव पर लगी है। प्रयागराज में बागियों को शांत कराने के साथ ही मेयर सीट पर जीत हासिल करने की जिम्मदारी उन्हीं के कंधों पर आ पड़ी है।
जबकि लखनऊ में पार्टी के कद्दावर नेता व डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना के कंधों पर प्रत्याशियों को जिताने की जिम्मेदारी है। वोटरों के बीच जाकर सरकार की नीतियों को बताकर मतदाताओं को अपने पक्ष में करने में जुटे हैं।
बनारस की गलियों में घूमें मंत्री, ताजनगरी में जीत का सेहरा किसके माथे
उधर, पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में तीन-तीन मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। देखना यह है कि ये मंत्री पार्टी की अपेक्षाओं पर कितना खरा उतरते हैं। आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु, स्टांप व रजिस्ट्रेशन मंत्री रवींद्र जायसवाल और श्रम कल्याण मंत्री अनिल राजभर को वोटरों ने बनारस की गलियों में घूमने के लिए मजबूर कर दिया। यहां की मेयर सीट अनारक्षित है। मुख्य लड़ाई भाजपा, कांग्रेस और सपा में है। जबकि ताजनगरी आगरा में भी तीन मंत्रियों की साख दांव पर लगी है। देखना यह है कि ताजनगरी में अपने प्रत्याशियों के सिर पर जीत का सेहरा बंधवाने में बाल बिकास मंत्री बेबी रानी मौर्य, उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, नगर विकास मंत्री अरविंद कुमार शर्मा व विधान परिषद सदस्य धर्मवीर प्रजापति का कितना योगदान रहता है।
साख बचाने के लिए सड़क पर उतरे कृषि मंत्री
उधर, मुरादाबाद में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी व पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद अपनी साख बचाने को दिनरात एक किए हैं। जबकि सहारनपुर में पीडब्ल्यूडी राज्यमंत्री ब्रजेश सिंह, राज्यमंत्री जसवंत सैनी और उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय को जनता ने घर-घर जाने को मजबूर कर दिया। मथुरा में गन्ना विकास मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण और बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह अपने प्रत्याशियों को जीताकर पार्टी आलाकमान की नजरों में खुद की प्रतिष्ठा बचाने में लगे हैं। जबकि मुजफ्फरनगर में राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिलदोव अग्रवाल, सपा नेता आजम खान के गढ़ रामपुर में राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख व देवरिया में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही भी अपनी साख बचाने के लिए सड़क पर उतर पड़े हैं।