नोएडा के बहुचर्चित निठारी कांड के आरोपी सुरेंद्र कोली और मोनिंदर पंढेर को फांसी नहीं होगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फांसी के फैसले को रद कर दिया है। सुरेंद्र कोली को करीब 12 मामलों में फांसी की सजा सुनाई गई थी। जबकि आरोपी कोठी मालिक मोनिदर सिंह पंढेर के खिलाफ 6 केस दर्ज थे।
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प्रयागराज। नोएडा के बहुचर्चित निठारी कांड के आरोपी सुरेंद्र कोली और मोनिंदर पंढेर को फांसी नहीं होगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फांसी के फैसले को रद कर दिया है। सुरेंद्र कोली को करीब 12 मामलों में फांसी की सजा सुनाई गई थी। जबकि आरोपी कोठी मालिक मोनिदर सिंह पंढेर के खिलाफ 6 केस दर्ज थे।
नोएडा के चर्चित निठारी कांड के आरोपी और कोठी D-5 के मालिक मोनिंदर सिंह पंढेर और केयर टेकर सुरेंद्र कोली को निचली अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी। गाजियाबाद कोर्ट ने दोनो आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई थी। जिसके बाद दोनों आरोपियों ने फांसी की सजा के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील की थी।
साल 2006 में चर्चा में आया था निठारी कांड, कोठी के पीछे नाले में मिले थे दर्जनों कंकाल
नोएडा में साल 2005 से 2006 में हुए निठारी कांड में सीबीआई ने सुरेंद्र कोली को हत्या, अपहरण, बलात्कार जैसे मामलों में सबूत मिटाने का आरोपी बनाया था। वहीं मोनिदर सिंह पंढेर को मानव तस्करी के केस में आरोपी बनाया गया था। आरोपियों की तरफ से कोर्ट में कहा गया था कि इन घटनाओं का कोई चश्मदीद मौजूद नहीं है। ऐसे में सिर्फ वैज्ञानिक और परिस्थितियों के हिसाब से बने सबूतों के आधार पर ये सजा दी गई है।
जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्र और जस्टिस एसएचए रिजवी की बेंच ने दोनों आरोपियों को फांसी से दोषमुक्त कर दिया। कोली पर आरोप था कि वह पंढेर की कोठी का केयरटेकर था और लड़कियों को लालच देकर कोठी में लाता था। निठारी गांव की दर्जनों लड़कियां लापता हो गई थी। वह उनसे दुष्कर्म कर हत्या कर देता था। इसके बाद लाश के टुकड़े कर बाहर फेंक आता था।