Varanasi Airport:उत्तर-प्रदेश के वाराणसी एयरपोर्ट पर अब DG(डीजी)यात्रा यानि पेपरलेस वर्क सिस्टम की शुरुवात हो गई है,वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है जहां हर दिन सुविधाओं का विस्तार हो रहा है,एयरपोर्ट पर अब यात्रियों की सुविधाएं बढ़ाकर हवाई यात्रा को सुगम और सरल बनाया जा रहा है,आज से वाराणसी में लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर डीजी यात्रा यानी पेपरलेस वर्क सिस्टम का शुभारंभ हुआ. वाराणसी के साथ ये सुविधा दिल्ली और बेंगलुरु में भी शुरू हुई
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Varanasi news:उत्तर-प्रदेश के वाराणसी एयरपोर्ट पर अब DG(डीजी)यात्रा यानि पेपरलेस वर्क सिस्टम की शुरुवात हो गई है,वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है जहां हर दिन सुविधाओं का विस्तार हो रहा है,एयरपोर्ट पर अब यात्रियों की सुविधाएं बढ़ाकर हवाई यात्रा को सुगम और सरल बनाया जा रहा है,आज से वाराणसी में लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर डीजी यात्रा यानी पेपरलेस वर्क सिस्टम का शुभारंभ हुआ. वाराणसी के साथ ये सुविधा दिल्ली और बेंगलुरु में भी शुरू हुई.
वाराणसी एयरपोर्ट पर ये सेवा शुरू होने से यात्रियों को लंबी लाइन से भी मुक्ति मिलेगी,वाराणसी एयरपोर्ट की निदेशक आर्यमा सान्याल ने बताया कि इस सुविधा के लिए वाराणसी में सबसे पहले इंडिगो एयरलाइंस को मंजूरी मिली है. गुरुवार को इंडिगो की फ्लाइट के साथ डीजी यात्रा सेवा का शुभारंभ हुआ. इस मौके पर एयरपोर्ट को खूबसूरत ढंग से सजाया गया है. इस सेवा के शुरू होने से अब आपका चेहरा ही बोर्डिंग पास होगा.
इसके लिए सफर शुरू करने से पहले यात्रियों को अपने मोबाइल पर गो लाइव एप डाउनलोड करके रजिस्ट्रेशन कराना होगा। रजिस्ट्रेशन के बाद जब सारी औपचारिकताएं पूरी हो जाएंगी तो यात्री का चेहरा ही उसकी पहचान हो जाएगी. इस मौके पर पूरी प्रक्रिया फालो करने के बाद यात्रा करने वाली प्रकृति अरोड़ा ने बताया की बहुत अच्छा अनुभव है. अब बोर्डिंग पास की जरुरत नहीं है.
यात्रा से जुड़े सभी उपकरणों और संसाधनों को टर्मिनल भवन के एक्जिट (प्रस्थान) गेट डी-2 पर लगाया गया है. लगेज के लिए अलग से काउंटर भी बना है. बीते चार साल से इस सेवा को शुरू करने की तैयारी चल रही थी. इस सेवा के शुरू होने से विमान यात्रियों को जांच प्रक्रिया के लिए न केवल लंबी लाइन लगाने से मुक्ति मिली बल्कि कागजात का झंझट भी खत्म हुआ. डीजी सेवा का लाभ लेने वाली वाराणसी की पहली मुसाफिर डॉ सुचेता बनीं.