उन्होंने कहा कि महालेखाकार ने उन्हें 31 जनवरी यानी उनकी वास्तविक सेवानिवृत्ति के बाद वेतन पर्ची निर्गत ही नहीं किया है। जिस राज्य का डीजीपी बिना वेतन के काम करेगा वहां कोयला, बालू, पत्थर, जमीन की चोरी नहीं तो और क्या होगी?
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डीजीपी नीरज सिन्हा के वेतन को लेकर भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने शनिवार को ट्विट कर कहा कि राज्य के डीजीपी बिना वेतन के काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि महालेखाकार ने उन्हें 31 जनवरी यानी उनकी वास्तविक सेवानिवृत्ति के बाद वेतन पर्ची निर्गत ही नहीं किया है। जिस राज्य का डीजीपी बिना वेतन के काम करेगा वहां कोयला, बालू, पत्थर, जमीन की चोरी नहीं तो और क्या होगी? बाबूलाल मरांडी के ट्विट के कुछ घंटे में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने रिट्विट कर उनके सवाल का जवाब दे दिया।
विभाग ने लिखा कि हाई कोर्ट के प्रकाश सिंह जजमेंट के मुताबिक, नीरज सिन्हा को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी), झारखंड के पद पर दो वर्षो का निर्धारित कार्यकाल दिया गया है, जो 11 फरवरी, 2023 तक प्रभावी है। ऐसी ही व्यवस्था बिहार समेत कई अन्य राज्यों में लागू है। उनका अप्रैल तक का वेतन भुगतान हो चुका है।
सुना है कि राज्य पुलिस के डीजीपी बिना वेतन के काम कर रहे हैं।महालेखाकार ने उन्हें ३१ जनवरी यानी उनकी वास्तविक सेवा निवृत्ति के बाद वेतन पर्ची निर्गत ही नहीं किया है।
जिस राज्य का डीजीपी बिना वेतन के काम करेगा वहाँ कोयला, बालू, पत्थर, ज़मीन की चोरी नहीं तो और क्या होगी?#झारखंड pic.twitter.com/yXNDSQqRdq— Babulal Marandi (@yourBabulal) April 30, 2022
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