बिहार के मुख्यमंत्री ने अपने दूरगामी अभियान ‘‘जल-जीवन-हरियाली’’ के तहत गंगा नदी के अधिशेष जल को दक्षिण बिहार के जल संकट वाले शहरों ले जाकर पेयजल के रूप में उपयोग करने की अनूठी परिकल्पना की.
Updated Date
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सपना रहा है ‘हर घर गंगाजल’. अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह प्रयास रविवार से धरातल पर दिखने लगेगा जब वह गंगा जल आपूर्ति योजना का लोकार्पण करेंगे. वहीं अब बिहार बाढ़ के पानी को पेयजल के रूप में उपयोग करने की देश की पहली योजना का भागीदार बन इतिहास रच देगा. इसके साथ ही मुख्यमंत्री राजगीर शहर के 19 वार्डों के करीब 8031 घरों में पेयजल के लिए हर घर गंगाजल की आपूर्ति का शुभारंभ भी करेंगे.
इस योजना को कारगर बनाने के लिए सरकार गंगा नदीं की बाढ़ के पानी को दक्षिण बिहार के जल संकट को खत्म करने के लिए तैयारी कर रही है. इस बात की जानकारी बिहार सरकार के जल संसाधन और सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय कुमार झा ने दिया है. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक है.
राजगीर से करेंगे लोकार्पण
वहीं उन्होंने आगे बताया कि राजगीर में रविवार को दोपहर बाद तीन बजे इस ‘गंगाजल आपूर्ति योजना’ का लोकार्पण करेंगे. झा ने कहा कि इसके साथ ही वे राजगीर शहर में ‘‘हर घर गंगाजल’’ की आपूर्ति का शुभारंभ भी करेंगे. मंत्री ने बताया कि कुमार अगले दिन (28 नवंबर को) गया और बोधगया में योजना का लोकार्पण करेंगे, जबकि योजना के दूसरे चरण में जून 2023 तक नवादा में भी इसे (हर घर गंगाजल) पहुंचाने का लक्ष्य है.
मंत्री ने कहा कि गंगा जल पाइपलाइन के जरिये 151 किलोमीटर सफर तय करके राजगीर, गया और बोधगया के जलाशयों में पहुंच गया है, जहां से यह शोधित होकर शुद्ध पेयजल के रूप में रोज लाखों लोगों की प्यास बुझाएगा. उन्होंने बताया कि योजना के तहत प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन 135 लीटर शुद्ध जल की आपूर्ति का लक्ष्य है.