केंद्र सरकार की स्वदेश दर्शन योजना को लेकर सामने आई भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट के अनुसार इस पर सवाल उठने लगे हैं।
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नई दिल्ली। केंद्र सरकार की स्वदेश दर्शन योजना को लेकर सामने आई भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट के अनुसार इस पर सवाल उठने लगे हैं। दरअसल भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने स्वदेश दर्शन योजना के तहत उत्तर प्रदेश में अयोध्या विकास परियोजना के कार्यान्वयन में कई गड़बड़ी पाई है।
सीएजी के अनुसार उत्तर प्रदेश में अयोध्या विकास परियोजना के कार्यान्वयन में ठेकेदारों को अनुचित लाभ देने समेत कई अनियमितताएं पाई गई हैं। 208 पन्नों की रिपोर्ट में 18 जगह अयोध्या का जिक्र किया गया है।सीएजी ने जनवरी स्वदेश दर्शन योजना की शुरुआत 2015 से लेकर मार्च 2022 तक के परफॉरमेंस को ऑडिट किया है।
इस पर लोकसभा में पेश की गई परफॉरमेंस ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार ठेकेदारों को 19।73 करोड़ रुपये का अनुचित लाभ दिया गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि ठेकेदारों को परियोजनाएं/सर्किट के तहत अनुचित लाभ पहुंचाया गया। सीएजी की रिपोर्ट में अयोध्या की विकास परियोजनाओं को भी शामिल किया गया है।
सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में अयोध्या विकास परियोजना में ठेकेदारों को दिए गए अनुचित लाभ का पूरा विवरण देते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम की ओर से नियुक्त किए गए ठेकेदार को पांच प्रतिशत की दर से परफॉरमेंस गारंटी जमा करनी जरूरी थी। इसके अनुसार अनुबंध राशि 62।17 करोड़ रुपये का 5 प्रतिशत कुल 3।11 करोड़ रुपये हुआ।
वहीं ठेकेदार ने इसके नवीनीकरण (सितंबर 2021) के समय रिकॉर्ड पर कोई कारण बताए बिना ही परफॉर्मेंस गारंटी की राशि काफी कम जमा की थी। सीएजी की रिपोर्ट में बताया गया कि ठेकेदार ने केवल 1।86 करोड़ रुपये जमा किए थे।