दिवाली के बाद से मानो वायु प्रदूषण कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) गंभीर श्रेणी में 450 और चरखी दादरी का 460 रिकॉर्ड किया गया. वायु मानक एजेंसियों का अनुमान है कि पांच नवंबर तक सुधार की संभावना कम है.
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Delhi Pollution: दिवाली के बाद से मानो वायु प्रदूषण और गंभीर श्रेणी में पाहुचता जा रहा है। दिल्ली-एनसीआर में बिगड़ती वायु गुणवत्ता को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने गुरुवार को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) का चौथा चरण लागू कर दिया. इसके तहत दिल्ली और आसपास के जिलों में बीएस-6 को छोड़कर अन्य डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. वहीं, गौतमबुद्धनगर (नोएडा) में आठवीं कक्षा तक के स्कूल 8 नवंबर तक बंद कर दिए गए हैं. इसके अलावा सीएक्यूएम ने कहा कि दिल्ली सरकार ऑड-ईवन की व्यवस्था को भी लागू कर सकती है. वहीं केंद्र और राज्य सरकारें 50 फीसदी क्षमता के साथ कार्यालयों में वर्क फ्रॉम होम करने का भी फैसला ले सकती हैं.
दरअसल आपको बता दें कि, दिल्ली-एनसीआर में दिवाली के पहले से ही प्रदूषण को रोकने के चल रहे सारे प्रयास फेल हो चुके हैं. हवा की गुणवत्ता गंभीर स्थिति में पहुंच चुकी है. ग्रैप के तीसरे चरण की पाबंदियों के बावजूद हालात बेकाबू हो चले हैं.
नोएडा सबसे प्रदूषित
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, गुरुवार को देश की सबसे प्रदूषित शहर हरियाणा का चरखी दादरी रहा. इसके बाद दिल्ली देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा. वहीं आज नोएडा नंबर एक पर पहुंच गया है औऱ दूसरा नंबर हरियाणा के गुरुग्राम का है. गुरुवार को दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) गंभीर श्रेणी में 450 और चरखी दादरी का 460 रिकॉर्ड किया गया था. वहीं वर्तमान में नोएडा (यूपी) का एक्यूआई 562 ‘गंभीर’ श्रेणी में, गुरुग्राम (हरियाणा) का एक्यूआई 539 ‘गंभीर’ श्रेणी में और 563 दिल्ली विश्वविद्यालय के पास भी गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया है. ओवर ऑल दिल्ली का एक्यूआई भी गंभीर श्रेणी में 472 रिकॉर्ड किया गया है. वायु मानक एजेंसियों का अनुमान है कि पांच नवंबर तक सुधार की संभावना कम है.
GRAP के चौथे चरण मेें इन चीजों पर प्रभाव
– दिल्ली-एनसीआर में चार पहिया डीजल हल्के मोटर वाहनों के चलने पर प्रतिबंध, बीएस-6, आवश्यक और आपातकालीन सेवाओं के वाहनों को छूट दी गई है.
– दिल्ली में इलेक्ट्रिक और सीएनजी से चलने वाले ट्रकों के अलावा अन्य ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध. आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई करने वाले वाहनों को छूट दी गई है.
– दिल्ली-एनसीआर में राजमार्ग, फ्लाईओवर, ओवरब्रिज, बिजली पारेषण, पाइपलाइन जैसी लीनियर पब्लिक प्रोजेक्ट्स में निर्माण और विध्वंस कार्यों पर रोक.
– एनसीआर में स्वच्छ ईंधन पर न चलने वाले सभी उद्योगों को बंद करने का आदेश दिया गया, यहां तक कि उन क्षेत्रों में भी, जहां एनसीआर के लिए स्वीकृत ईंधन की मानक सूची के अनुसार ईंधन के अलावा पीएनजी बुनियादी ढांचा और आपूर्ति नहीं है. हालांकि, दूध और डेयरी इकाइयों जैसे उद्योगों और जीवन रक्षक चिकित्सा उपकरणों या यंत्रों, औषधियों और दवाओं के निर्माण में शामिल लोगों को इन प्रतिबंधों से छूट दी जाएगी.
– राज्य सरकारें स्कूल बंद करने, गैर-आपातकालीन व्यावसायिक गतिविधियों, वाहनों के लिए सम-विषम योजना पर निर्णय लें.
केंद्र, राज्य सरकारें अपने कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम की अनुमति देने का निर्णय ले सकती हैं.
– राजधानी में दिल्ली में पंजीकृत डीजल से चलने वाले मध्यम और भारी माल वाहनों पर प्रतिबंध. आवश्यक वस्तु
ओं को ले जाने और आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वालों को छूट दी गई है.
पंजाब में सबसे अधिक जली पराली
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के अनुसार, बीते 24 घंटे में पंजाब में सबसे अधिक 2666 जगहों पर पराली जलाई गई है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वहीं, हरियाणा में 128, उत्तर प्रदेश में 40, दिल्ली में एक, मध्यप्रदेश में 323 और राजस्थान में 54 जगहों पर पराली जलाने की घटनाएं रिकॉर्ड की गई हैं.
कहां कितना एक्यूआई
दिल्ली 472
गुरुग्राम 539
नोएडा 562