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दिल्ली की हवा हुई और भी खराब, विध्वंसक कार्यों पर रोक, निगरानी के लिए 586 टीमों का गठन

दिल्ली की हवा हुई और भी खराब, आनंद विहार में 468 पर AQI राजधानी का सबसे प्रदूषित स्थान रहा। वहीं, वजीरपुर (412), विवेक विहार (423) और जहांगीरपुरी (407) निगरानी स्टेशनों में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में दर्ज की गई.

By इंडिया वॉइस 

Updated Date

Delhi Pollution: दिवाली के बाद से मानो राजधानी की वायु गुणवत्ता दिन पे दिन बत्तर होती जा रही है। वायु गुणवत्ता समिति ने प्रदूषण का स्तर खराब होता देखकर दिल्ली-एनसीआर में आवश्यक परियोजनाओं को छोड़कर निर्माण और तोड़फोड़ संबंधी सभी गतिविधियों पर पाबंदी लगाने का निर्देश दे दिया है. इस बाबत दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि उनकी सरकार ने खराब हो रही वायु गुणवत्ता के मद्देनज़र राष्ट्रीय राजधानी में निर्माण कार्य और तोड़फोड़ की गतिविधियों पर लगाई गई पाबंदी का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए 586 टीम का गठन किया है.

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आपको बता दें कि, गोपाल राय ने उत्तर प्रदेश की सरकार से अनुरोध किया कि वह एनसीआर में सीएनजी बसों का इस्तेमाल करे. उन्होंने कहा कि डीजल से चलने वाली बसें दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर प्रदूषण का स्तर बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाती हैं. गोपाल राय ने कहा कि विशेषज्ञों अनुमान है कि एक नवंबर से हवा की गति एवं दिशा में बदलाव आने से अनुकूल मौसमी दशाओं के चलते दिल्ली की वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच जाएगी. इसलिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि एनसीआर में पाबंदियों को कड़ाई से लागू किया जाए, जिसमें ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के तीसरे चरण के तहत निर्माण और तोड़फोड़ की गतिविधियों पर रोक लगाना शामिल है.

586 टीमों का गठन
सूत्रों के मुताबिक, पर्यावरण मंत्री ने कहा कि हमने राजधानी की सभी निर्माण एजेंसियों और संबंधित सरकारी विभागों के साथ बैठक की है, जिनमें लोकनिर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी), दिल्ली नगर निगम (एमसीडी), रेलवे, दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) शामिल हैं. हमने निर्णय लिया है कि शहर में निर्माण कार्य और तोड़फोड़ की गतिविधियों पर पाबंदी लगाई जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार ने एक मजबूत निगरानी प्रणाली विकसित की है, ताकि निर्देशों का अनुपालन कराया जा सके और विभिन्न विभागों के अधिकारियों के सहयोग से कुल 586 टीम का गठन किया गया है. ये टीम निर्माण-तोड़ फोड़ से संबंधित पाबंदियों के क्रियान्वयन पर निगरानी करेंगी.

15 एंटी-स्मॉग गन तैनात
गोपाल राय ने यह भी कहा कि आनंद विहार और विवेक विहार लगातार उच्च प्रदूषण स्तर की श्रेणी में हैं, जो क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) से संबंधित निर्माण कार्य के कारण हो सकता है. उन्होंने कहा कि इसलिए, हमने उपयोगकर्ता एजेंसी को धूल प्रदूषण नियंत्रण मानदंडों का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है. सरकार ने दिल्ली नगर निगम के सात पानी की बौछारों वाले टैंकर (वाटर स्प्रिंकलर) के अलावा उक्त क्षेत्रों में 15 एंटी-स्मॉग गन तैनात की हैं.

उन्होंने कहा कि सरकार प्रदूषण वाले इलाकों में पानी के छिड़काव के लिए दमकल की गाड़ियां भी तैनात हैं. उन्होंने कहा कि वर्तमान में दिल्ली में 521 वाटर स्प्रिंकलर, 223 एंटी-स्मॉग गन और 150 सचल एंटी-स्मॉग गन लगाये गये हैं. ग्रैप के तीसरे चरण के तहत अधिकारियों से कहा गया है कि वे निर्माण और तोड़फोड़ की गतिविधियों पर पाबंदी लगाएं, लेकिन आवश्यक परियोजनओं और प्रदूषण नहीं फैलाने वाली गतिविधियों को छूट दी गई है, जिनमें प्लम्बिंग, बढ़ईगीरी, आंतरिक सज्जा और बिजली आदि के काम शामिल हैं.

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इन पर लागू नहीं होगी पाबंदी
पाबंदी आवश्यक परियोजनाओं पर लागू नहीं होगी, जिनमें राष्ट्रीय सुरक्षा, रक्षा, रेलवे और मेट्रो रेल समेत अन्य परियोजनाएं शामिल हैं. पाबंदी के तहत खुदाई, बोरिंग, वेल्डिंग, निर्माण सामग्री की लदाई और ढुलाई पर रोक शामिल है. इसके अलावा फ्लाई ऐश समेत कच्चे माल के परिवहन पर रोक लगाई गई है और कच्ची सड़क पर वाहनों की आवाजाही पर पाबंदी है. सीवर लाइन बिछाने, बैचिंग संयंत्रों के संचालन, पानी की पाइप बिछाने, नाले से जुड़े कार्य, टाइल्स को काटने और बिछाने, पत्थर और फर्श पर बिछाने की अन्य सामग्री, वाटरप्रूफिंग कार्य, फुटपाथ समेत सड़क निर्माण कार्य और कई अन्य गतिविधियों पर पाबंदी लगाई गई है.

Delhi-NCR में खनन पर भी प्रतिबंध
स्वच्छ ईंधन पर काम नहीं करने वाले ईंट भट्टों, अन्य संयंत्र और पत्थर तोड़ने वाले संयंत्र समेत पूरे एनसीआर में खनन, संबंधित गतिविधियों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. उन्होंने कहा, जिन औद्योगिक क्षेत्रों में पाइप्ड प्राकृतिक गैस (पीएनजी) इंफ्रास्ट्रक्चर की आपूर्ति नहीं है, वहां स्वीकृत ईंधन का उपयोग नहीं करने वाले उद्योग सप्ताह में केवल पांच दिन ही संचालित किये जा सकते हैं.

आनंद विहार सबसे खराब श्रेढ़ी में
रविवार को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) सुबह नौ बजे 367 रहा. शनिवार को 24 घंटे का एक्यूआई 397 दर्ज किया गया था. गुरुवार को यह 254, बुधवार को 271, मंगलवार को 302 और सोमवार को (दिवाली पर) 312 रहा था. आनंद विहार (एक्यूआई 468) राजधानी का सबसे प्रदूषित स्थान रहा. वहीं, वजीरपुर (412), विवेक विहार (423) और जहांगीरपुरी (407) निगरानी स्टेशनों में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में दर्ज की गई.

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