Advertisement
  1. हिन्दी समाचार
  2. शिक्षा
  3. कोटा में छात्रों के साथ रह रहे परिवारीजन, पढ़िए क्यों

कोटा में छात्रों के साथ रह रहे परिवारीजन, पढ़िए क्यों

By Rakesh 

Updated Date

नई दिल्ली। बच्चों को एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी के दौरान उन्हें तनाव न हो और वे कोई बड़ा कदम न उठाएं। बिहार के सीतामढी की नीरू देवी 80 साल की उम्र में अपने पोते के पास रहने के लिए देश के कोचिंग हब कोटा में शिफ्ट हो गई हैं। जो यहां एक संस्थान में आईआईटी प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहा है।

पढ़ें :- बोर्ड परीक्षा का पहला दिनः संभल में शिक्षा मंत्री ने तिलक लगाकर परीक्षार्थियों का किया स्वागत

यहां मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों पर बढ़ते दबाव पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि हमें घर वापस शांति नहीं मिलती। वर्ष 2023 में छात्रों की आत्महत्या की सबसे अधिक संख्या देखी गई। अब तक 22। जिनमें से दो ने 27 अगस्त को कुछ घंटों के अंतराल में अपना जीवन समाप्त कर लिया। पिछले साल यह आंकड़ा 15 था।

व्यस्त कार्यक्रम, तगड़ा कॉम्पीटीशन, बेहतर करने का लगातार प्रेशर, माता-पिता की उम्मीदों का बोझ और घर की याद यहां के छात्रों के आम संघर्षों में से हैं। कई माता-पिता अब अपने बच्चों को हॉस्टल में रखने से कतराते हैं। इसके बजाय वे कोटा में कमरा किराए पर ले रहे हैं और यहां तक ​​कि छुट्टियाँ लेकर भी अपने बच्चों के साथ रह रहे हैं। मध्य प्रदेश के सतना की संध्या द्विवेदी यहां अपने बेटे के साथ रह रही हैं जबकि उनके पति घर पर अन्य जिम्मेदारियां संभालते हैं।

Advertisement