यूपी के कुशीनगर जिले में हुए मनरेगा घोटाले का जिन्न एकबार फिर बोतल से बाहर आ गया है। ईडी खड्डा क्षेत्र में फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है। जगह -जगह पूछताछ व छापेमारी के बाद भी ईडी के हाथ आरोपी नहीं लगे हैं।
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कुशीनगर। यूपी के कुशीनगर जिले में हुए मनरेगा घोटाले का जिन्न एकबार फिर बोतल से बाहर आ गया है। ईडी खड्डा क्षेत्र में फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है। जगह -जगह पूछताछ व छापेमारी के बाद भी ईडी के हाथ आरोपी नहीं लगे हैं।
ईडी को जिन आरोपियों की तलाश है, उनमें खड्डा कस्बा के एक बड़े व्यापारी व एक ग्राम विकास अधिकारी का नाम शामिल है। जिस ग्राम विकास अधिकारी की तलाश में ईडी पसीना बहा रही है वह जिले के विशुनपुरा ब्लॉक में तैनात है। मनरेगा घोटाले के आरोपी इस ग्राम पंचायत सचिव के पास तीन- तीन गांवों का चार्ज है।
मालूम हो कि वर्ष 2007 से 2010 के बीच खड्डा विकासखंड में मनरेगा में बड़े पैमाने पर धांधली हुई थी। खड्डा विकास खंड के कई ग्राम प्रधानों व ग्राम पंचायत सचिव ने व्यक्तिगत खाते में जमाकर मनमानी तरीके से कर खर्च कर दिया था मनरेगा की भारी भरकम रकम। हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने मनरेगा घोटाले की जांच की थी।
इस मामले में ईडी ने भी एफआईआर दर्ज की थी। घोटाले के आरोप में दो पूर्व प्रधान 1 वर्ष से जेल में बंद हैं। वारंट जारी होने के बाद एक तत्कालीन ग्राम प्रधान, एक व्यापारी व एक ग्राम पंचायत सचिव फरार चल रहें हैं।