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Kurukshetra : भगवान श्री कृष्ण के 40 फुट ऊंचे विराट स्वरूप का लोकार्पण, मोहन भागवत ने कहा- जब तक सृष्टि है तब तक गीता की प्रासंगिकता

By इंडिया वॉइस 

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चंडीगढ़, 30 जून। हरियाणा के कुरुक्षेत्र में गीता ज्ञान संस्थानम पहुंचे मुख्यमंत्री मनोहर लाल और RSS प्रमुख मोहन भागवत ने वीरवार को भगवान श्री कृष्ण के विराट स्वरूप का लोकार्पण किया। इस दौरान गृहमंत्री अनिल विज, शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर, राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा और राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय मौजूद रहे। भगवत गीता की प्रक्रिया स्थली ज्योतिसर में भगवान श्री कृष्ण के 40 फुट ऊंचे विराट स्वरूप का लोकार्पण गीता ज्ञान संस्थान के अंदर से ही रिमोट कंट्रोल के जरिए किया गया। ज्योतिसर में 10 करोड़ की लागत से 5 टन वज वाली अष्टधातु के 40 फुट ऊंचे विराट स्वरूप के लिए 10 फीट ऊंचा प्लेटफॉर्म भी बनाया गया है।

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गीता की आज जरूरत है, सृष्टि में पर्यावरण बिगड़ गया है- भागवत

इस मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघ संचालक मोहन भागवत ने कहा है कि गीता किसी एक संप्रदाय का ग्रंथ नहीं है। भारतीय हिंदू परपंरा में गीता है। हिंदू समाज उसका ट्रस्टी है। जब तक सृष्टि है, तब तक गीता की प्रासंगिकता है। मोहन भागवत ने कहा कि अर्जुन को लड़ने के लिए गीता का उपदेश दिया गया, लेकिन गीता में अहिंसा का उल्लेख है। इसलिए कर्तव्य करो और निर्मल मन से करो। संघ प्रमुख भागवत ने कहा कि गीता जीवन विद्या है। गीता की आज जरूरत है। सृष्टि में पर्यावरण बिगड़ गया है। जगह-जगह कट्टरता है। आपस में द्वेष है। मनुष्य का मन संकुचित हो रहा है। मानव संपूर्ण मानवता की एकता की बात तो करता है, लेकिन पड़ोस में ही गुट बनाकर लड़ता है।

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि हरियाणा हरि का है। हरियाणा देवों की भूमि है। हरियाणा गीता का केंद्र है। कुरुक्षेत्र को दुनिया के मानचित्र में जगह मिली है। भगवत गीता एक मजहब का ग्रंथ नहीं है। पूरे मानव जीवन को संदेश देने वाली है गीता। मानव समाज जब तक रहेगा, तब तक गीता रहेगी।

कहीं ना कहीं बुराई से भी अच्छाई निकल सकती है- ज्ञानानंद महाराज

वहीं गीता ज्ञान संगठन के ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि कहीं ना कहीं बुराई से भी अच्छाई निकल सकती है। धृतराष्ट्र की वाणी से पहला शब्द अधर्म नहीं निकला। आज एक महत्वपूर्ण दिवस है। भगवद् गीता का अवतरण स्थल ज्योतिसर अपनी पहचान खोता जा रहा था। 2014 में जब सरकार आई तो ज्योतिसर की चर्चा हुई। ज्योतिसर को उसका स्वरूप मिले, ताकि युग-युगांतर के लिए प्रेरणा बनी रही।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को द्वापर युग में इसी धरती पर अपने विराट स्वरूप के दर्शन कराए थे। हमारी कोशिश उसी ऐतिहासिक घटना को 21वीं सदी में जीवंत करने की है। आज गुप्त नवरात्रि का महत्वपूर्ण दिन भी है। इस दिन किए जाने वाला कोई भी कार्य फलदायी होता है। भगवान श्रीकृष्ण की विराट स्वरूप प्रतिमा का अनावरण हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने कुरुक्षेत्र डेवलपमेंट बोर्ड का गठन किया है। बोर्ड का बजट बढ़ाया जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती की तरह ही श्रीकृष्ण उत्सव मनाने की योजना है।

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