लोकसभा चुनाव में बहुमत हासिल करने के बाद एनडीए गठबंधन की आज बैठक होने वाली है। बैठक में शामिल होने के लिए कई बड़ी पार्टियों
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दिल्ली। लोकसभा चुनाव में बहुमत हासिल करने के बाद एनडीए गठबंधन की आज बैठक होने वाली है। बैठक में शामिल होने के लिए कई बड़ी पार्टियों के दिग्गज नेता संसद पहुंच गए हैं। इस बैठक में पीएम मोदी के मंत्रिमंडल पर भी चर्चा होगी। हालांकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर बड़ा सच सामने आया है।
नीतीश ने नहीं रखी शर्त
एनडीए की जीत के बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि बीजेपी को समर्थन देने के बदले जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार और टीडीपी अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू ने कई मंत्रालयों की मांग की है। मगर खबरों की मानें तो नीतीश कुमार ने बीजेपी के सामने ऐसी कोई शर्त नहीं रखी है। नीतीश को केंद्र सरकार में मंत्रालय का मोह नहीं है और उन्होंने बिना शर्त बीजेपी को समर्थन दिया है।
चार मंत्रालय मांगने की थी खबर
बीते दिन से खबरें सामने आ रही हैं कि एनडीए को समर्थन देने के बदले में नीतीश कुमार ने रेल मंत्रालय और जल मंत्रालय समेत चार मंत्रालयों की मांग की है। हालांकि सूत्रों की मानें तो ये खबरें पूरी तरह से गलत हैं। नीतीश ने केंद्र सरकार से कोई मंत्रालय नहीं मांगा है। हालांकि मंत्रालयों को लेकर अभी तक कोई औपचारिक घोषणा सामने नहीं आई है।
लवली आनंद ने दिया बयान
बिहार की शिवहर लोकसभा सीट से जीत हासिल करने वाली जेडीयू नेता लवली आनंद भी एनडीए की बैठक में शामिल होने के लिए संसद पहुंची हैं। मीडिया से बातचीत के दौरान उनका कहना है कि नीतीश कुमार को रेल मंत्रालय जरूर मिलना चाहिए। साथ ही बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले और बिहार में माता सीता की जन्मभूमि पर राम मंदिर जैसा भव्य मंदिर बनना चाहिए।
चिराग पासवान पर भी उठे थे सवाल
बता दें कि नीतीश कुमार से पहले LJP अध्यक्ष चिराग पासवान को लेकर भी खबरें सामने आ रही थीं कि उन्होंने मोदी मंत्रिमंडल का हिस्सा बनने की इच्छा जताई है। मगर बाद में चिराग पासवान ने इन खबरों से साफ इनकार कर दिया। चिराग का कहना था कि वो सिर्फ नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनते देखना चाहते हैं।