Advertisement
  1. हिन्दी समाचार
  2. क्षेत्रीय
  3. Presidential Election 2022 : द्रौपदी मुर्मू को SAD का समर्थन, सुखबीर बादल ने कहा- सिखों पर अत्याचारों के कारण कांग्रेस के साथ कभी नहीं जाएंगे

Presidential Election 2022 : द्रौपदी मुर्मू को SAD का समर्थन, सुखबीर बादल ने कहा- सिखों पर अत्याचारों के कारण कांग्रेस के साथ कभी नहीं जाएंगे

By इंडिया वॉइस 

Updated Date

चंडीगढ़, 01 जुलाई। शुक्रवार को शिरोमणी अकाली दल (शिअद) ने राष्ट्रपति चुनाव में NDA उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने का फैसला किया है। अकाली दल का मानना है कि द्रौपदी मुर्मू अल्पसंख्यकों, शोषित और पिछड़े वर्गों के साथ-साथ महिलाओं की प्रतीक हैं और देश में गरीब और आदिवासी वर्गों के प्रतीक के रूप में उभरी हैं। यही वजह है कि पार्टी राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करेगी। सिख समुदाय पर अत्याचारों के कारण हम कांग्रेस के साथ कभी नहीं जाएंगे।

पढ़ें :- पंजाब में पहले सरकारी खजाना मंत्रियों के घरों में जाता था, अब लोगों की जेब तक जाता हैः अरविंद केजरीवाल

वहीं अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने पार्टी के नेता बलविंदर सिंह भूंदड़, प्रेम सिंह चंदूमाजरा और चरणजीत सिंह अटवाल के साथ यूटी गेस्ट हाउस में द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और उन्हें अकाली दल के समर्थन की पेशकश की। पार्टी की कोर कमेटी ने द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का सर्वसम्मति से फैसला लिया है। सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि अकाली दल कभी ऐसे उम्मीदवार का समर्थन नहीं कर सकता जिसे कांग्रेस पार्टी ने समर्थन दिया है, क्योंकि कांग्रेस ने ना केवल श्री दरबार साहिब पर हमला किया, बल्कि 1984 में सिखों के कत्लेआम की भी जिम्मेदार है।

पढ़ें :- MP में केजरीवाल की दहाड़ः अब आर या पार, 10 गारंटी के साथ सत्ता की आस

सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि बढ़ते विभाजनकारी और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के मौजूदा माहौल में बीजेपी के साथ हमारा गंभीर विरोध है। विशेष रूप से NDA सरकार के तहत अल्पसंख्यक समुदाय में असुरक्षा बरकरार है। अकाली दल फिर भी मुर्मू का समर्थन करता है, क्योंकि वो ना केवल महिलाओं की गरिमा का प्रतीक हैं, बल्कि आदिवासी वर्ग से भी संबंधित हैं।

अकाली दल प्रमुख ने कहा कि कोर कमेटी की पार्टी मुख्यालय में 3 घंटे से अधिक समय तक चली चर्चा के आखिर में प्रस्ताव पारित किया गया। बैठक के बाद अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि पार्टी मानवाधिकारों को विशेष रूप से धार्मिक सहिष्णुता और अभिव्यक्ति की आजादी जैसे लोकतांत्रिक मूल्यों के खतरे से भी चिंतित है, जैसा कि सिखों के खिलाफ और पंजाब के साथ अन्याय को उजागर करने वाली सामग्री पर प्रतिबंध लगाने में देखा गया है। पार्टी अपने मूल पंजाबी समर्थक, अल्पसंख्यक समर्थक, किसानों की हितैषी और गरीबों के हितैषी एजेंडे से कभी नहीं हटेगी।

Advertisement