अयोध्या में 22 जनवरी को आयोजित रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में देश की जानी-मानी हस्तियां शामिल होंगी। इसके लिए सुरक्षा के कड़े प्रबंध की भी रूपरेखा तैयार की गई है। काशी के ही प्रसिद्ध वैदिक विद्वानों द्वारा सारे अनुष्ठान कार्य संपन्न होंगे।
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अयोध्या। अयोध्या में 22 जनवरी को आयोजित रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में देश की जानी-मानी हस्तियां शामिल होंगी। इसके लिए सुरक्षा के कड़े प्रबंध की भी रूपरेखा तैयार की गई है। काशी के ही प्रसिद्ध वैदिक विद्वानों द्वारा सारे अनुष्ठान कार्य संपन्न होंगे।
राम मंदिर में 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोपहर अभिजीत मुहूर्त और मृगशिरा नक्षत्र में 12:20 बजे रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे। रामलला की नई मूर्ति की पहली आरती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही उतारेंगे। पीएम मोदी राममंदिर में उत्तराभिमुख होकर दक्षिण दिशा से प्रवेश करेंगे।
18 जनवरी से शुरू हो जाएगा प्राण-प्रतिष्ठा का अनुष्ठान
उन्होंने बताया कि प्राण-प्रतिष्ठा का अनुष्ठान 18 जनवरी से शुरू हो जाएगा और पूर्णाहुति 22 जनवरी को होगी। 22 जनवरी को अभिजीत मुहूर्त में अनुष्ठान की विधि वाराणसी के लक्ष्मीकांत दीक्षित कराएंगे। राम जन्मभूमि परिसर में आने के बाद सबसे पहले जटायु के विग्रह पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। 150 वैदिक आचार्य प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान को संपन्न कराएंगे।
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट सात हजार अतिथियों को आमंत्रित कर रहा है। इनमें देश के विभिन्न परंपराओं के संत-धर्माचार्य, कलाकार, साहित्यकार, खेल जगत की हस्तियां, न्यायाधीश, उद्योगपति आदि शामिल हैं। समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी, सीएम योगी आदित्यनाथ, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत समेत तीन हजार वीवीआईपी शामिल होंगे।
इसके अलावा क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली, सिनेमा जगत से अमिताभ बच्चन, कंगना रनौत, दीपिका चिखालिया, अक्षय कुमार, गायिका आशा भोंसले, अरुण गोविल, उद्योगपति मुकेश अंबानी, गौतम अडाणी, रतन टाटा को भी आमंत्रण भेजा गया है।
प्राण प्रतिष्ठा में 150 वैदिक आचार्य करेंगे अनुष्ठान
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंददेव गिरि ने बताया कि काशी के शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती के मार्गदर्शन में आचार्यां की टोली का चयन हुआ है। काशी के वैदिक विद्वान लक्ष्मीकांत दीक्षित प्रमुख आचार्य रहेंगे। उनके साथ डेढ़ सौ पंडितों की टोली रहेगी, जो विभिन्न पारायण, पाठ, यज्ञ आदि करेगी। काशी के ही प्रसिद्ध वैदिक विद्वान गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ की निगरानी में सारे अनुष्ठान होंगे।
17 जनवरी को रामलला की मूर्ति की भव्य शोभायात्रा निकालकर राम जन्मभूमि परिसर में स्थापित की जाएगी। उसके बाद 18 जनवरी से पूजन, अर्चन अनुष्ठान की प्रक्रिया शुरू होगी।