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विनेश फोगाट ने WFI अध्यक्ष के खिलाफ लगाए यौन उत्पीड़न के आरोप, एक्शन में खेल मंत्रालय WFI से 72 घंटे में मांगा जवाब

By इंडिया वॉइस 

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New Delhi: भारत के स्टार पहलवानों ने रेसलिंग फेरडेशन के खिलाफ बुधवार को जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए है,अचानक से भारतीय कुश्ती में अचानक से बड़ा तूफान खड़ा हो गया है,विश्व चैंपियनशिप जैसी प्रतियोगिताओं में पदक जीतने वाले बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक जैसे स्टार पहलवान रेसलिंग फेरडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह और कोच के खिलाफ यौन उत्पीड़न,मानसिक प्रताड़ना, जान से मारने की धमकी देने जैसे गंभीर आरोप लगाए थे. इसके बाद खेल मंत्रालय हरकत में आया और 3 दिन के भीतर फेडरेशन से जवाब मांगा है. नहीं तो कार्रवाई के लिए तैयार रहने को कहा है.

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इसके बाद दोनों तरफ से आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया. बृज भूषण शरण सिंह ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. लेकिन, स्टार पहलवानों के यूं सड़क पर धरना देते देख खेल मंत्रालय फौरन हरकत में आया और उसने इस विवाद पर भारतीय कुश्ती संघ से जवाब मांग लिया.

इसके लिए खेल मंत्रालय ने फेडरेशन को 72 घंटे की मोहलत दी है. अगर तय वक्त में जवाब नहीं मिला, तो फिर रेसलिंग फेडरेशन के खिलाफ कार्रवाई होगी. इस बीच, लखनऊ में लगने वाला महिला पहलवानों के नेशनल कैंप को भी रद्द कर दिया गया है.एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता विनेश ने आरोप लगाया कि बृज भूषण शरण सिंह और कुछ अन्य कोच विशेष रूप से लखनऊ में प्रशिक्षण शिविरों के दौरान महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न कर रहे थे.

विनेश ने यह भी कहा कि रेसलिंग फेडरेशन के अध्यक्ष, जो उत्तर प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद भी हैं, के व्यवहार के कारण उन्होंने आत्महत्या के बारे में सोचा है. बृज भूषण शरण सिंह ने, हालांकि, सभी आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि अगर कोई भी पहलवान सामने आता है और विनेश के दावों की पुष्टि कर देता हो वो खुद फांसी लगा लेंगे. WFI अध्यक्ष ने खुद को बेकसूर बताते हुए उल्टा निशाना साधा कि कुछ नियमों में बदलाव रेसलर को रास नहीं आ रहा. इसलिए उन्होंने ऐसे आरोप लगा दिए.

बाद में 28 साल की महिला पहलवान विनेश ने साफ किया कि उन्होंने खुद कभी इस तरह के शोषण का सामना नहीं किया. लेकिन दावा किया कि बुधवार को जंतर मंतर पर शुरू हुए विरोध में ‘एक पीड़ित’ मौजूद थी. विनेश ने यह भी दावा किया कि उन्हें डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के इशारे पर उनके करीबी अधिकारियों से जान से मारने की धमकी मिली थी. क्योंकि उन्होंने टोक्यो ओलंपिक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान भारतीय कुश्ती से जुड़े कई मुद्दों पर उनका ध्यान आकर्षित करने की हिम्मत दिखाई थी.

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