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झारखंड विधानसभा में गूंजा देवघर में अव्यवस्था का मुद्दा

By इंडिया वॉइस 

Updated Date

Second supplementary budget of Rs 2926 crores passed by voice vote in Jharkhand assembly

रांची : झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन बुधवार को सदन की कार्यवाही प्रारंभ होते ही महाशिवरात्रि के दिन देवघर मंदिर में हुई अवस्था का मुद्दा गरमा गया। विपक्षी दल भाजपा के विधायकों ने सरकार पर चौतरफा हमला बोल दिया। भाजपा विधायकों ने सत्ताधारी दल की कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद के साथ देवघर मंदिर में हुए व्यवहार के खिलाफ नारेबाजी की। साथ ही कहा कि अंबा का अपमान पूरे सदन का अपमान है।

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अंबा प्रसाद ने कहा कि वह शिवरात्रि पर देवघर गई थीं। मंदिर में अव्यवस्था का माहौल था। मैंने एसडीओ को बुलाया, वे नहीं आए। मुझको खुद आने को कहा। अभिवादन का जवाब नहीं दिया। स्पीकर ने निर्देश दिया कि सरकार एक्शन ले। इन लोगों का मन बढ़ गया है। विधायक ने कहा कि मुझसे खराब व्यवहार किया गया। उन्होंने कहा कि मेरे निजी सचिव को को घसीटकर निकाला। मंदिर के प्रबंधक ने बदतमीजी की गई।स्पीकर के आदेश पर संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि इस मामले में कार्रवाई की जाएगी।

कार्यवाही की शुरुआत में भाजपा विधायकों ने एक तरफ जहां देवघर में महाशिवरात्रि पर भक्तों पर लाठीचार्ज और अव्यवस्था का मुद्दा उठाया गया, वहीं दूसरी तरफ मॉब लिंचिंग के मुद्दे पर सरकार का घेराव किया। मॉब लिचिंग के मुद्दे पर दोषियों को फांसी देने की मांग को लेकर सदर के अंदर नारेबाजी की गई। इससे पहले इस मुद्दे पर भाजपा के विधायकों ने विधानसभा के बाहर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। विधायकों ने मॉब लिंचिंग की घटनाओं को लेकर सरकार पर सीधा हमला बोला।

सरकार के खिलाफ पोस्टर लेकर बैठे विधायकों ने जमकर नारेबाजी की गई। इसमें हजारीबाग के बरही निवासी रूपेश पांडेय तथा सिमडेगा के संजू प्रधान की मौत पर सवार उठाए गए। भाजपा के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने कहा कि हेमंत सरकार में कोई सुरक्षित नहीं है। लोग उन्मादी भीड़ के शिकार हो रहे हैं। सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। संजू प्रधान और रूपेश पांडेय का मामला प्रमाण है। भाजपा इस मामले के विरोध में लगातार आंदोलन करेगी। रूपेश के मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की गई।

घर के नक्शे और निगम के नोटिस का उठा मुद्दा

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कार्यवाही के दौरान भाजपा विधायक बिरंची नारायण के सवाल का जवाब देते हुए मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में पांच हजार वर्ग फुट तक के घर के लिए नक्शा पास कराने की आवश्यकता नहीं है। इसके अलावा प्रदीप यादव ने रांची में 2200 लोगों को निगम से मिले नोटिस का मामला उठाया। इसका जवाब देते हुए मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि नगर विकास सचिव को बुलाकर इसका समाधान करेंगे। टिया के विधायक नवीन जायसवाल ने कहा कि नगर निगम लोगों का दोहन कर रहा है। मांडर के विधायक बंधु तिर्की ने कहा कि निगम द्वारा नोटिस देना सही कदम है। सरकार ठीक कर रही है। सीएनटी एक्ट का उल्लंघन बनाए गए घरों पर कार्रवाई हो रही है।

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