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घोसी उपचुनाव भाजपा और सपा के लिए बना प्रतिष्ठा का प्रश्न

उत्तरप्रदेश का घोसी उपचुनाव भाजपा और सपा के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है। चाहे बीजेपी हो या सपा, साख का सवाल है। चुनाव प्रतिष्ठा का सवाल बन चुका है। उपचुनाव को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव चुनावी रण में उतर चुके हैं।

By Rakesh 

Updated Date

लखनऊ। उत्तरप्रदेश का घोसी उपचुनाव भाजपा और सपा के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है। चाहे बीजेपी हो या सपा, साख का सवाल है। चुनाव प्रतिष्ठा का सवाल बन चुका है। उपचुनाव को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव चुनावी रण में उतर चुके हैं।

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साख की लड़ाई में चाहे बीजेपी हो या सपा कोई भी पार्टी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। घोसी उपचुनाव ने राजनीतिक दिग्गजों को अपनी परंपरा तक को तोड़ने के लिए मजबूर कर दिया है। घोसी में हो रहे उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने बिगुल बजा दिया है।

सपा उम्मीदवार सुधाकर सिंह के लिए सपा प्रमुख अखिलेश यादव चुनाव प्रचार को फ्रंट से लीड करते हुए नजर आएंगे। बता दें कि घोसी में हो रहे उपचुनाव में 5 सितंबर को मतदान होना है। चुनाव से पहले दोनों पक्षों ने पूरी ताकत झोंक दी है। इस उपचुनाव में प्रचार करने के लिए समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव भी चुनावी रण में हैं।

सपा हर वर्ग को साधना शुरू कर चुकी है। सपा के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव और शिवपाल यादव पहले ही मोर्चा संभाले हुए हैं। ऐसे में अब अखिलेश साइकिल की रफ़्तार बढ़ाते नजर आएंगे।

घोसी सियासी छावनी में तब्दील हो चुका है। बड़े नामों का जमघट उत्तरप्रदेश में देखा जा रहा है। स्टार प्रचारक चुनावी हवा बनाते नजर आ रहे हैं। ऐसे में अखिलेश का यूं उपचुनाव को लेकर चुनावी रण में उतरना थोड़ा शॉकिंग जरूर है। क्योंकि याद रहे कि ये वही अखिलेश यादव हैं जो मैनपुरी के एक अपवाद को छोड़ दें तो कभी उपचुनाव को लेकर प्रचार करने नहीं उतरे थे।

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ऐसे में उन्होंने अपनी परंपरा को तोड़ दिया। सपा मुखिया अखिलेश यादव उपचुनाव में प्रचार से परहेज करते थे लेकिन ये व्रत अखिलेश ने मैनपुरी उपचुनाव से खत्म किया था। अपवाद भी इस चलते था क्योंकि मुलायम सिंह यादव की मृत्यु के बाद खाली हुई मैनपुरी लोकसभा सीट पर उपचुनाव में सपा की ओर से डिंपल यादव चुनाव मैदान में थी। परिवार का सवाल था ऐसे में अखिलेश यादव ने काफी पसीना बहाया। जिसके चलते मैनपुरी की सीट पर डिंपल को भारी वोटों से जीत मिली थी।

सपा के लिए तो ये चुनाव नाक बचाने का सवाल बन गया है क्योंकि सपा को ही दगा देकर बीजेपी में शामिल हुए प्रत्याशी दारा सिंह चौहान को बीजेपी ने बतौर उम्मीदवार घोसी सीट पर उतारा है। वहीं बीजेपी भी कोई पेच ढीला नहीं छोड़ना चाहती। बीजेपी की प्रतिष्ठा भी दांव पर है इसके चलते उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी दल-बल के साथ चुनावी मैदान में हैं।

सीएम योगी भी दारा सिंह चौहान के समर्थन में 2 सितम्बर को जनसभा करते नजर आएंगे। उपचुनाव में बीजेपी के दो दर्जन मंत्री और 60 से अधिक विधायक और पदाधिकारी भौकाल बनाते दिखाई दे रहे हैं। हर जाति और समाज के प्रभावशाली नेता घोसी की सियासी छावनी में तैनात कर दिए गए हैं। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी एक बड़ी जीत के साथ सपा के साथ INDIA गठबंधन को भी बड़ा मैसेज देना चाहेगी।

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