उत्तर-प्रदेश के कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से एक बड़ी खबर खबर सामने आई है,कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में स्टेम सेल थेरेपी के माध्यम से 4 लोगों में एक बार फिर से रोशनी वापस लाई गई है.ऐसा करने वाला यह मेडिकल कॉलेज देश का पहला मेडिकल कॉलेज है.
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Kanpur News:उत्तर-प्रदेश के कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से एक बड़ी खबर खबर सामने आई है,कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में स्टेम सेल थेरेपी के माध्यम से 4 लोगों में एक बार फिर से रोशनी वापस लाई गई है.ऐसा करने वाला यह मेडिकल कॉलेज देश का पहला मेडिकल कॉलेज है.
स्टेम सेल थेरेपी से पहली बार आंखों के मरीजों में कामयाबी पाई गई है,इस थेरेपी से कई अन्य असाध्य और जनजाति बीमारियों के सफल इलाज की ओर एक कदम भी आगे बढ़ा है.कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में स्टेम सेल को लेकर कई वर्ष से शोध चल रहा है.मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर संजय काला ने नेत्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ परवेज खान को स्टेम सेल पर शोध के लिए कहा था.
इस थेरेपी से उन्होने कई जन्मजात आंखों के रोगों से जूझ रहे लोगों का इलाज किया है.जिसका नतीजा यह रहा है कि लोगों की आंखों की रोशनी लौट आई है जिसे एक बड़ी कामयाबी माना जा रहा है.स्टेम सेल ट्रांसप्लांट की बात की जाए तो मां के गर्भ में शिशु नाल के द्वारा सुरक्षित रहता है. डिलीवरी के बाद बच्चे के साथ प्लेसेंटा और उसकी परतें बाहर आ जाती हैं. इन अवशेषों को इकट्ठा किया जाता है और इससे स्टेम सेल निकाले जाते हैं.
इन स्टेम सेल को सर्जरी के द्वारा इम्प्लांट किया जाता है. जीएसवीएम के नेत्र रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ परवेज खान ने बताया कि यह आखों के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि है. उन्होंने बताया कि यह देश में तो ऐसा पहला मामला है.इतना ही नहीं विदेशों में भी अब तक इस तरीके के सफल परिणाम कहीं देखने को नहीं मिले हैं. तो यह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है. अब आंखों की जन्मजात और असाध्य रोगों को इस थैरेपी से ठीक किया जाएगा.