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सपा को झटकाः विधायक दारा सिंह चौहान के इस्तीफे से सियासी गलियारे में मची हलचल, भाजपा में जाने की लग रहीं अटकलें

सियासी रुख को भांपने में माहिर सपा विधायक दारा सिंह चौहान ने शनिवार को अचानक विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया है।

By Rajni 

Updated Date

लखनऊ। सियासी रुख को भांपने में माहिर सपा विधायक दारा सिंह चौहान ने शनिवार को अचानक विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया है। उनका इस्तीफा सपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। वह मऊ की घोसी विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे।

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दारा सिंह चौहान ने 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले योगी मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर सपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद वे समाजवादी पार्टी के टिकट पर घोसी सीट चुनाव लड़े थे और जीत दर्ज की थी। उनके अब भाजपा में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे हैं।

2017 के विधानसभा चुनाव के पूर्व थामा था भाजपा का दामन 

दारा सिंह चौहान ने 2017 के विधानसभा चुनाव के पूर्व भाजपा का दामन थामा था। उस वक्त भाजपा ने उन्हें मधुबन से प्रत्याशी बनाया था। फिर जीत के बाद मंत्री। लेकिन पांच साल बीतते-बीतते उन्होंने भाजपा को अलविदा कहते हुए इस्तीफा दे दिया।

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 से पहले वो समाजवादी पार्टी में शामिल हुए और घोसी सीट से विधायक चुने गए थे। दारा सिंह चौहान पूर्वांचल में चौहान समाज के नेताओं में एक बड़ा नाम है। इसलिए हर पार्टी उन्हें अपने खेमे में लेने को आतुर रहती है। जिसका पूरा फायदा वह समय-समय पर उठाते रहते हैं।

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अब माना जा रहा है कि वह भाजपा में जाएंगे। बताया जा रहा है उन्हें मऊ लोकसभा सीट से उतारा जा सकता है। दारा सिंह चौहान योगी आदित्यनाथ सरकार में वन एवं पर्यावरण मंत्री रह चुके हैं।

दारा सिंह चौहान का राजनीतिक सफर

दारा सिंह चौहान ने राजनीतिक जीवन में छात्र राजनीति से कदम रखा था। पहले कांग्रेस संगठन में पदाधिकारी रहे। फिर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। वर्ष 1996 में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने उन्हें राज्यसभा भेजा। 2000 में कार्यकाल पूरा होने पर पुन: 2000 से 2006 तक राज्यसभा में सपा का प्रतिनिधित्व किया। इसके बाद फिर पलटी मारी और बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए।

बसपा सुप्रीमो मायावती ने उन्हें घोसी लोकसभा सीट से 2009 में चुनाव लड़ाया और पहली बार लोकसभा सदस्य बने। उन्हें लोकसभा में संसदीय दल का नेता भी बनाया गया। वर्ष 2014 में पुन: बसपा के टिकट पर लोकसभा के लिए मैदान में उतरे, लेकिन भाजपा प्रत्याशी हरिनारायण राजभर के हाथों हार गए।

उधर, देश में चल रहे सियासी तापमान को भांप दारा सिंह चौहान वर्ष 2015 में भाजपा में शामिल हो गए। यहां भी उन्हें सम्मान मिला और पिछड़ा वर्ग मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोनीत किया गया।

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2017 के चुनाव में पार्टी ने मधुबन विधानसभा से टिकट दिया, जहां से 30 हजार से अधिक वोटों से जीत कर प्रदेश सरकार में मंत्री बने। इसके बाद सियासी मौसम को देख फिर यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के पहले पलटी मार गए। भाजपा से सपा में गए। घोसी सीट से विधायक बने। अब उन्होंने सपा से इस्तीफा दे दिया है।

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