सचिन पायलट ने 11 अप्रैल को जयपुर के शहीद स्मारक पर एक दिन का अनशन करने का ऐलान किया
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कांग्रेस में आपसी मनमुटाव
कांग्रेस की मुश्किलें खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहीं…पिछले कई महीनों से कांग्रेस को लगातार झटके लग रहे हैं…. नेता हाथ का साथ छोड़ कमल थाम रहे हैं….कई दिग्गज नेता कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में चले गए…..ज्योतिराधित्य सिंधिया, गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, हार्दिक पटेल समेत जैसे दिग्गज उन नेताओं की लंबी फेहरिस्त है जिन्होंने कांग्रेस को अलविदा कह दिया…….भले ही राजस्थान में आज भी कांग्रेस की सरकार है, मगर आपसी मनमुटाव के चलते सरकार कब गिर जाए खुद कांग्रेसी भी नहीं जानते…..खासकर सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच की महाभारत तो गाहे-ब-गाहे राजस्थान से दिल्ली तक माहौल गर्म कर देती है।
गहलोत के खिलाफ हुए पायलट
रविवार को सचिन पायलट के एक बयान के बाद गहलोत पायलट के तल्ख रिश्तों के बीच सुलगती चिंगारी ने फिर से हवा पकड़ ली है। जो राजस्थान सरकार और कांग्रेस पार्टी के लिए बड़ी मुसीबत बन गई हैं…..राजस्थान कांग्रेस के युवा कार्यकर्ताओं के चहेते सचित पायलट ने सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ हो गए हैं….हालाकि इससे पहले भी इन दोनों के बीच मनभेद होते रहे हैं…और फिर बड़े-बुजुर्ग कहते भी हैं कि जब दिल में किसी के लिए जगह न हो, तो मन की पीड़ा शब्दों के जरिये बयां हो ही जाती है….रविवार को पायलट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी ही सरकार पर सवाल खड़े कर दिए….उन्होंने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री गहलोत से पूर्व CM वसुंधरा राजे के खिलाफ शिकायत की थी…लेकिन गहलोत ने कोई एक्शन नहीं लिया…तल्खियां यहां तक अपनी सरकार से ही बढ़ गईं कि पायलट ने इसके विरोध में 11 अप्रैल को जयपुर के शहीद स्मारक पर एक दिन का अनशन करने का ऐलान कर दिया…एक बार फिर कांग्रेस हाईकमान के आगे राजस्थान की जूतम-पेजार को साधने की चुनौती खड़ी हो गई है। देखना होगा कि पिछली बार की तरह ही क्या इस बार भी गहलोत और सचिन पायलट के बीच की महाभारत को रोककर हाईकमान सरकार बचाने में कामयाब रहता है….या फिर इसका लाभ लेते हुए केंद्र की सत्ता पर काबिज बीजेपी राजस्थान में भी विरोधियों के बूते कमल खिलाने में कामयाब हो जाती है…
11 अप्रैल को पायलट करेंगे अनशन
सचिन पायलट ने कहा कि वसुंधरा सरकार में हुए भ्रष्टाचार पर कार्रवाई नहीं की गई…जबिक विपक्ष में रहते हुए हमने यह वादा किया था कि जांच कराई जाएगी….चुनाव को 6-7 महीने बचे हैं…विरोधी भ्रम फैला सकते हैं कि कहीं कोई मिलीभगत तो नहीं है…यह साबित करने के लिए जल्दी कार्रवाई करनी होगी…ताकि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को लगे कि हमारी कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं हैं……