श्री अमरनाथ यात्रा एक जुलाई से शुरू हो रही है। अब तक करीब तीन लाख यात्री पंजीकरण करवा चुके हैं। इस साल रिकार्ड यात्रा होने की उम्मीद है।
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जम्मू। श्री अमरनाथ यात्रा एक जुलाई से शुरू हो रही है। अब तक करीब तीन लाख यात्री पंजीकरण करवा चुके हैं। इस साल रिकार्ड यात्रा होने की उम्मीद है। वर्ष 2022 में 44 दिन की यात्रा में 20 दिन खराब मौसम के कारण यात्रा प्रभावित हुई थी।
इस बार लखनपुर से कश्मीर तक विभिन्न स्थानों पर आपात स्थिति में यात्रियों को ठहराने के लिए अतिरिक्त व्यवस्था की गई है। रामबन के चंद्रकोट में 3600 क्षमता वाला यात्री निवास बनाया गया है। इस साल रिकार्ड 62 दिन की अमरनाथ यात्रा होगी।
30 जून को जम्मू के भगवती नगर से पहला जत्था आधार शिविर बालटाल और पहलगाम के लिए रवाना होगा। दोनों आधार शिविरों से शनिवार को श्रद्धालु पवित्र गुफा की ओर अपनी यात्रा आरंभ करेंगे। भोले के भक्त देश के विभिन्न हिस्सों से जम्मू पहुंचना शुरू हो गए हैं।
जम्मू शहर में तत्काल पंजीकरण की व्यवस्था
ऐसे में जो श्रद्धालु किसी कारण पंजीकरण नहीं करा सके हैं, उनके लिए जम्मू शहर में तत्काल पंजीकरण की व्यवस्था की गई है। इसके लिए टोकन लेने के लिए भोले के भक्त कतारों में सुबह से ही जुट गए हैं। भक्तों के आगमन से शहर में बम-बम भोले के जयकारे गूंजना शुरू हो गए हैं। श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा तक पहुंचने के लिए दो मार्ग हैं- पहलगाम और बालटाल मार्ग।
श्रद्धालु पहलगाम यात्रा मार्ग को अधिक महत्व देते हैं। कथाओं में भी इसी मार्ग का जिक्र मिलता है। दूसरी ओर, जिन्हें यात्रा को कम समय में पूरा करना होता है, वे बालटाल यात्रा मार्ग का चयन करते हैं। इस मार्ग से यात्रा एक दिन में पूरी की जा सकती है। जबकि पहलगाम मार्ग से यात्रा पूरी करने में तीन दिन का समय लगता है। समय की बचत के लिए कई श्रद्धालु पवित्र गुफा तक पहुंचने के बाद बालटाल मार्ग से वापसी करते हैं।
अगर मौसम साफ रहे तो इस मार्ग से तीन दिन के भीतर दर्शन कर बालटाल आधार शिविर में वापस पहुंचा जा सकता है। पहलगाम मार्ग में पहली रात शेषनाग आधार शिविर में गुजारनी पड़ती है। फिर दूसरी रात पंजतरणी में रुकना होता है। इसके बाद पंजतरणी से पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन करके बालटाल के रास्ते उसी दिन आधार शिविर तक पहुंचा जा सकता है।
पहलगाम व बालटाल रूट से दस-दस हजार भक्तों को भेजने की व्यवस्था
यात्रा मार्ग पर यात्रियों की मूवमेंट पर आरएफआईडी (रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटीफिकेशन) प्रणाली से नजर रखी जाएगी। अमरनाथ यात्रा में प्रतिदिन पहलगाम और बालटाल रूट से दस-दस हजार श्रद्धालुओं को भेजने की व्यवस्था होगी।