दो मई को ‘विश्व अस्थमा दिवस’ मनाया जाता है। यह दिन अस्थमा रोग के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए समर्पित है। अस्थमा सांस की नली और फेफड़ों से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है। जिसमें कई बार सही समय पर मरीज को इलाज न मिले, तो उसकी जान भी जा सकती है। यह रोग बच्चों से लेकर वयस्कों को कभी भी हो सकता है। अस्थमा के मरीजों को खान पान में विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है।
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नई दिल्ली। दो मई को ‘विश्व अस्थमा दिवस’ मनाया जाता है। यह दिन अस्थमा रोग के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए समर्पित है। अस्थमा सांस की नली और फेफड़ों से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है। जिसमें कई बार सही समय पर मरीज को इलाज न मिले, तो उसकी जान भी जा सकती है। यह रोग बच्चों से लेकर वयस्कों को कभी भी हो सकता है। अस्थमा के मरीजों को खान पान में विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। अस्थमा एक लंबे समय तक चलने वाली सूजन संबंधी बीमारी है, जो फेफड़ों के वायुमार्ग को प्रभावित करती है। अस्थमा में व्यक्ति को खांसी, सांस लेने में समस्या, घरघराहट, सीने में जकड़न जैसे लक्षण नजर आते हैं।
कुछ उपायों को अपनाकर अस्थमा को कंट्रोल किया जा सकता है। अस्थमा के मरीजों को सर्दी में कुछ चीजों से परहेज करनी होती है। दमा के कुछ मरीजों में कुछ फूड एलर्जिक होते हैं। इसलिए उन्हें यह फूड नहीं खाना चाहिए। आइए आज हम आपको बताते हैं कि अस्थमा के मरीजों को क्या खाने से बचना चाहिए।
दमा के मरीजों के लिए नुकसानदेह है कॉफी
कॉफी: कुछ लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है। ऐसे दमा के मरीजों को कॉफी का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि कॉफी में मौजूद कैफीन एसिड रिफलेक्स को बढ़ा देती है। वहीं दमा के कुछ मरीजों में कॉफी का सेवन करने से फूड प्वाइजनिंग हो सकता है। इसलिए अस्थमा के मरीजों को कॉफी का सेवन नहीं करना चाहिए।
शराब और आचार : अस्थमा के मरीजों को शराब और अचार का भी सेवन नहीं करना चाहिए। अचार और शराब को प्रिजर्व करके रखा जाता है। इसमें सोडियम सल्फेट की मात्रा बढ़ जाती है। ये दोनों चीजें अस्थमा के लक्षण को कई गुना बढ़ा देती है। परिरक्षक के रूप में इस्तेमाल किए जाने वाले सल्फाइट शराब, सूखे मेवे, अचार, ताजे और जमे हुए झींगा और कुछ अन्य खाद्य पदार्थों का सेवन दमा के मरीजों के लिए दुश्मन की तरह काम करता है।