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chhath puja date: डाला छठ 28 अक्टूबर 2022 दिन शुक्रवार को नहाय खाय से प्रारम्भ

बिहार -झारखंड का पुण्यदायक पर्व डाला छठ 28 अक्टूबर 2022 दिन शुक्रवार को नहाय खाय से प्रारम्भ होकर द्वितीय दिन 29 अक्टूबर दिन शनिवार को खरना के साथ 30 अक्टूबर 2022 के दिन डुबते सूर्य की उपासना होगी तो रविवार को उगते सूर्य की उपासना के साथ महापर्व समाप्त होगा.

By इंडिया वॉइस 

Updated Date

बिहार- झारखंड का पुण्यदायक पर्व डाला छठ 28 अक्टूबर 2022 दिन शुक्रवार को नहाय खाय से प्रारम्भ होकर द्वितीय दिन 29 अक्टूबर दिन शनिवार को खरना के साथ 30 अक्टूबर 2022 दिन रविवार को मुख्य पर्व अस्तांचल गामी सूर्य की पूजा तथा अर्घ्य का पुनीत कार्य संपन्न किया जाएगा तथा रात भर की कठिनता पूर्ण व्रत की परीक्षा के बाद पुनः अगले दिन 31 अक्टूबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देने एवं पूजा के बाद ही इस व्रत पर्व का समापन कर पारण कर लिया जाएगा होगा .

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पुत्र की कामना एवं परम सौभाग्य की प्राप्ति के लिए प्रसिद्ध परम पुण्यदायक डाला छठ का यह पर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष षष्टी को बड़े ही श्रद्धा पूर्वक एवं मनोयोग से निर्जला रहा जाता है. 29 अक्टूबर 2022 दिन शनिवार को दिन में 10:28 बजे से पंचमी तिथि लग जाएगी जो 30 अक्टूबर दिन रविवार को प्रातः 8:15 बजे तक रहेगा. तत्पश्चात षष्टी तिथि प्रारंभ होगी जो 30 अक्टूबर 2022 दिन रविवार की रात 05:54 बजे तक षष्टी तिथि विद्यमान रहेगी अतः तीसरा दिन 30 अक्टूबर दिन रविवार को होगा . इस दिन अस्तांचल गामी सूर्य को अर्घ्य देकर रात भर प्रतीक्षा कर पुनः उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ इस महापर्व का समापन होगा. तीन दिनों तक चलने वाला सूर्य षष्टी के इस अत्यन्त कठिन व्रत का समापन किया जायेगा. व्रत का पारण 31 अक्टूबर को होगा.

1:- सूर्य षष्टी व्रत आरम्भ 28 अक्टूबर शुक्रवार नहाय खाय.
2:- सूर्य षष्टी व्रत द्वितीय दिन (खरना) 29 अक्टूबर 2022 शनिवार.

3:-मुख्य व्रत 30 अक्टूबर दिन रविवार को। सूर्यास्त का समय 5:34 बजे. इस दिन अस्तांचल गामी सूर्य देव को सायं कालीन अर्घ्य का समय 5:29 से 5:39 बजे तक दिया जाएगा.

4:- 31अक्टूबर को सूर्योदय 6:27 बजे. अतः प्रातः कालीन अर्घ्य सुबह 06:25 से 06:32 बजे तक दिया जाएगा एवं पारणा प्रसाद ग्रहण करके होगा.

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नहाय-खाय का है विशेष महत्व

छठ पूजा का पहला दिन नहाय-खाय से शुरू होता है, जो कि 28 अक्टूबर को मनाया जाएगा. इस दिन महिलाएं स्नान करने के बाद सूर्य देवता के समक्ष व्रत का संकल्प करती हैं. बाद में चने की सब्जी, साग और चावल का सेवन कर, व्रत की शुरुआत करती हैं.

छठ महापर्व का महत्व

छठ पर्व भारत के कुछ कठिन पर्वों में से एक है जो 4 दिनों तक चलता है. इस पर्व में 36 घंटे निर्जला व्रत रख सूर्य देव और छठी मैया की पूजा की जाती है और उन्हें अर्घ्य दिया जाता है. यह व्रत मनोकामना पूर्ति के लिए भी किया जाता है. महिलाओं के साथ पुरुष भी यह व्रत करते हैं. कार्तिक माह की चतुर्थी तिथि पर नहाय-खाय होता है, इसके बाद दूसरे दिन खरना और तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण किया जाता है.

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