राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि राजस्थान को जितनी अनुमति खनन की मिली है, वो उससे ज्यादा की मांग नहीं कर रहे। उन्होंने कहा कि अगर राजस्थान को जल्द कोयला नहीं मिला तो उनके पॉवर प्लांट बंद हो सकते हैं।
Updated Date
रायपुर, 25 मार्च। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शुक्रवार को राज्य के बिजली मंत्री और कुछ आला अधिकारियों के साथ छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पहुंचे। जहां उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से कोयला आपूर्ति सहित कई अहम मुद्दों पर चर्चा की। इसके बाद दोनों नेताओं ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया।
श्री बघेल ने राजस्थान से केन्द्र द्वारा आवंटित कोयला खदान को लेकर पर्यावरण और स्थानीय लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए नियमानुसार कार्यवाही की कही बात।@RajCMO
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) March 25, 2022
कोयला आपूर्ति को लेकर सीएम गहलोत ने की विनती
सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान कोयले के लिए छत्तीसगढ़ पर आश्रित है। 4500 मेगावाट बिजली की सप्लाई होती है। अगर यह ना हो तो राजस्थान में बिजली संकट पैदा हो जाएगा। वो चाहते हैं कि छत्तीसगढ़ में कोयला खनन में रुकावट ना हो। इस संबंध में लंबे अरसे से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से भी चर्चा हो रही है। गहलोत ने कहा कि कोयला आपूर्ति ना होने से राजस्थान का पॉवर प्लांट बंद हो जाएगा। इससे राजस्थान बड़े संकट में फंस जाएगा। इसलिए वो खुद राजस्थान की पूरी जनता की तरफ से विनती करने आए हैं।
नियमानुसार राजस्थान को कोयला आपूर्ति करेंगे- सीएम बघेल
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि वो नियमानुसार राजस्थान को कोयला आपूर्ति करेंगे। इस काम में स्थानीय हितों का ख्याल रखा जाएगा। कोयला खान का आवंटन केंद्र सरकार करती है। इसमें राज्य सरकार की कोई भूमिका नहीं होती। उन्होंने परसा में कोयला खनन के खिलाफ लामबंद आदिवासियों के आंदोलन का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जिन इलाकों में वन विभाग होते हैं, वहां ऐसी समस्या जरूर आती है।
‘राजस्थान को जल्द कोयला नहीं मिला तो पॉवर प्लांट बंद हो सकते हैं’
राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि राजस्थान को जितनी अनुमति खनन की मिली है, वो उससे ज्यादा की मांग नहीं कर रहे। उन्होंने कहा कि अगर राजस्थान को जल्द कोयला नहीं मिला तो उनके पॉवर प्लांट बंद हो सकते हैं। गौरतलब है कि केंद्र ने राजस्थान के बिजली विभाग के लिए छत्तीसगढ़ में कोल ब्लॉक आवांटित किया है। खनन कार्य शुरू करने के लिए छत्तीसगढ़ से पर्यावरणीय स्वीकृति ना मिल पाने के कारण राजस्थान को कोयला आपूर्ति नहीं हो पा रही है।
बतादें कि साल 2015 में सरगुजा स्थित परसा ईस्ट-कांटा बासन में 4340 मेगावाट बिजली उत्पादन इकाइयों के लिए 15 MTPA और परसा में 5 MTPA क्षमता के कोयला खदान को केंद्र से अनुमति मिलने के बावजूद भूपेश बघेल सरकार ने स्वीकृति नहीं दी है।