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विधानसभा में ‘आप’ विधायकों की मांग, सिविल डिफेंस वालेंटियर्स की नौकरी बहाल करें LG

दिल्ली सरकार ने LG से 10 हजार सिविल डिफेंस वालेंटियर्स की नौकरी बहाल करने की मांग की है। बुधवार को दिल्ली विधानसभा में बजट सत्र के दौरान इस मुद्दे पर अल्पकालिक चर्चा के दौरान कैबिनेट मंत्री आतिशी ने कहा कि जिन अफसरों ने इनको बसों में मार्शल के रूप में तैनाती और सैलरी दी, अब वही सवाल खड़े कर रहे हैं।

By Rakesh 

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नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने LG से 10 हजार सिविल डिफेंस वालेंटियर्स की नौकरी बहाल करने की मांग की है। बुधवार को दिल्ली विधानसभा में बजट सत्र के दौरान इस मुद्दे पर अल्पकालिक चर्चा के दौरान कैबिनेट मंत्री आतिशी ने कहा कि जिन अफसरों ने इनको बसों में मार्शल के रूप में तैनाती और सैलरी दी, अब वही सवाल खड़े कर रहे हैं।

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ये अफसर कह रहे हैं कि जब बसों में सीसीटीवी कैमरे और पैनिक बटन हैं तो मार्शलों की क्या जरूरत है? लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि पिछले 9 सालों में मार्शलों ने महिलाओं को सुरक्षा व सम्मान के साथ बसों में सफ़र करने का मौक़ा दिया और कई बार अपराधियों से भी बचाया है। अभी तक भाजपा आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल से नफरत करती थी, लेकिन अब वो दिल्ली की महिलाओं और सीडीवी से भी नफरत करने लगी है।

दिल्ली के 10 हजार लोगों की नौकरी छीन रही भाजपाः मंत्री सौरभ भारद्वाज

वहीं, मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अफसरों को केजरीवाल सरकार की पॉलिसी को रोकने के लिए खास निर्देश दिए गए हैं, क्योंकि इन्हें भाजपा का आशीर्वाद मिला हुआ है। जबकि विधायक कुलदीप कुमार ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के 10 हजार लोगों को रोजगार दिया, लेकिन भाजपा ने उनसे उनका रोजगार छीन लिया। बुधवार को दिल्ली विधानसभा में बजट सत्र के दौरान सदन में बस मार्शलों की नौकरी बहाल करने पर अल्पकालिक चर्चा हुई।

‘‘आप’’ के विधायक मदन लाल ने इसकी शुरूआत की। इसके बाद कैबिनेट मंत्री आतिशी ने कहा कि दशकों से दिल्ली की बसों में सफ़र करने का महिलाओं का बुरा अनुभव रहा। एक महिला के लिए पहले डीटीसी बसों में सफ़र करना किसी महाभारत से कम नहीं था। जब वो एक भरी हुई बस में चढ़ती है तो वहां उनपर भद्दे मज़ाक़ होते, ग़लत निगाह से देखते, अश्लील कमेंट करते। कोई भी महिला मजबूरी में ही डीटीसी बस में सफ़र करती थी।

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इस दौरान कई सरकारें आई-गई, लेकिन किसी ने भी महिलाओं की सुरक्षा के बारे में नहीं सोचा। यह दिल्लीवालों का सौभाग्य है कि 2015 में दिल्ली के लोगों को अरविंद केजरीवाल जैसा मुख्यमंत्री मिला, जिन्होंने दिल्ली के 2 करोड़ लोगो को अपने परिवार की तरह माना और बहन-बेटियों की सुरक्षा की चिंता की। इसी वजह से बस मार्शल योजना की शुरुआत की गईं।

दिल्ली विधानसभा में ‘‘आप’’ विधायक कुलदीप कुमार ने सदन को बताया कि 16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में एक चलती बस में 23 साल की बेटी के साथ दुष्कर्म हुआ। उस समय आप सत्ता में नहीं थी। जब दिल्ली में हमारी सरकार बनी तो सीएम अरविंद केजरीवाल ने यह सुनिश्चित किया कि दिल्ली में हर महिला सुरक्षित हो। इसी के मद्देनजर डीटीसी की बसों में मार्शल तैनात किए गए। साथ ही, बसों में पैनिक बटन और सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए।

कुछ लोग कह रहे हैं कि बस में पैनिक बटन और सीसीटीवी कैमरे हैं तो बस मार्शल की जरूरत क्या है। अगर ऐसा है तो फिर दिल्ली पुलिस को भी दिल्ली से हटा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि  यह दुखद है कि चार माह पहले बस मार्शलों को नौकरी से निकाल दिया गया। इन सिविल डिफेंस वालेंटियर्स कोविड में लोगों की सेवा की, अस्पतालों और बसों में अपनी सेवाएं दी। इनको तो सम्मानित किया जाना चाहिए था।

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