अंतरराष्ट्रीय वन दिवस पर दिल्ली के चिड़ियाघर में लगाए गए 75 पौधे।
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नई दिल्ली, 21 मार्च। देश में पेड़ों पर आधारित कृषि को बढ़ावा देने के मकसद से अंतरराष्ट्रीय वन दिवस के मौके पर चंदन सहित 4 किस्म के पेड़ों के लिए कार्ययोजना की शुरुआत की गई। दिल्ली के चिड़ियाघर में आयोजित कार्यक्रम में चंदन, अगर वृक्ष, लाल चंदन और शीशम के पेड़ों को कृषि क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिए तैयार कार्ययोजना को जारी किया गया। देश भर में अब चारों किस्म के पेड़ों को लगाने के लिए किसानों को प्रेरित किया जाएगा, ताकि उनकी आय में वृद्धि की जा सके। इसके लिए ये व्यापक निगरानी तंत्र भी विकसित किया गया है।
Celebrated #InternationalDayofForests at National Zoological Park with plantation of 75 saplings with team @moefcc to commemorate 75 yrs of Indian Independence.
I appeal to all, especially my young friends, to come forward and contribute towards forest conservation. pic.twitter.com/DlVH6KcAcS
— Bhupender Yadav (@byadavbjp) March 21, 2022
अंतरराष्ट्रीय वन दिवस के मौके पर केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव और पर्यावरण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने दिल्ली के चिड़ियाघर में 75 पौधे भी लगाए। इस मुहिम से वनकर्मियों के साथ मीडिया कर्मियों को भी जोड़ा। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत आयोजित इस कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने कहा कि पर्यावरण को सुरक्षित करने के लिए वनों को बचाना और वृक्ष लगाना बेहद जरूरी है। इस काम में सभी का सहयोग जरूरी है।
‘विश्व वानिकी दिवस’ की कब हुई शुरूआत
21 मार्च को पेड़ों के महत्व के विषय में जन-जागरूकता फैलाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ‘विश्व वानिकी दिवस या ‘अंतरराष्ट्रीय वन दिवस’ मनाया जाता है। वनों को बचाए रखने के लिए साल 1971 में यूरोपीय कृषि संगठन की 23वीं आम बैठक में 21 मार्च को प्रतिवर्ष ‘विश्व वानिकी दिवस’ मनाने का फैसला किया गया था। बाद में संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन ने भी पेड़ों के महत्व के विषय में लोगों को जागरूक करने के लिए 21 मार्च को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ‘विश्व वानिकी दिवस’ मनाने पर अपनी सहमति दी, तब से 21 मार्च को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ‘विश्व वानिकी दिवस’ मनाने की शुरुआत हुई।