रांची के बचे 20 मजदूरों को भी जल्द टिकट मिलने की उम्मीद।
Updated Date
रांची, 14 अप्रैल। मलेशिया में फंसे झारखंड के 30 में से 10 मजदूरों की 26 अप्रैल को वतन वापसी होगी। भारतीय दूतावास के दबाव के बाद मजदूरों को वहां की कंपनी ने फ्लाइट का टिकट दे दिया है।
बाकी बचे 20 मजदूरों को भी टिकट जल्द मिलने की उम्मीद
मलेशिया की कंपनी की ओर से भुवनेश्वर महतो, रामेश्वर महतो, देवानंद महतो, बासुदेव महतो, बुधन महतो, प्रेम लाल महतो, विनोद कुमार, झारी कुमार, विनोद महतो और बुधन महतो को 25 अप्रैल की फ्लाइट का टिकट दिया गया है। सभी मजदूर मलेशिया से श्रीलंका और फिर चेन्नई होते हुए झारखंड अपने घर 26 अप्रैल को लौटेंगे। बाकी बचे 20 मजदूरों को भी टिकट जल्द मिलने की उम्मीद है।
मलेशिया में जी रहे हैं मजदूर गुलामों की तरह जिंदगी
वहीं मजदूरों का कहना है कि 3 साल पहले 30 जनवरी 2019 को बोकारो जिले के गोमियां प्रखंड के तिसकोपी निवासी बासुदेव महतो और चेन्नई के एजेंट शिवम ने 3 साल के एग्रीमेंट पर 30 मजदूरों को लीडमास्टर इंजीनियरिंग एडं कंस्ट्रक्शन SDN बीएचडी में मलेशिया की राजधानी कुआलालम्पुर में भेजा था। 3 साल का एग्रीमेंट वीजा खत्म होने के बाद ये मजदूर गुलाम की तरह जिंदगी बसर कर रहे हैं, क्योंकि इन मजदूरों के वेतन का भुगतान कंपनी ने बंद कर दिया था।
मजदूरों के फंसे होने का मामला 21 मार्च को सामने आया
बतादें कि मलेशिया के बिजली प्रोजेक्ट में झारखंड के मजदूरों के फंसे होने का मामला 21 मार्च को तब सामने आया था। जब घर लौटने की चाहत रखने वाले इन मजदूरों ने बकाया राशि दिलाकर वतन वापसी की गुहार लगाई। तो उन्हें प्रताड़ित किया गया। गिरिडीह, बोकारो और हजारीबाग जिले के रहने वाले इन मजदूरों का कहना था कि कंपनी की ओर से पिछले 4 महीने का वेतन नहीं मिलने से वो दाने-दाने के लिए मोहताज हैं। इसके बाद इन मजदूरों ने मलेशिया की राजधानी कुआलालम्पुर स्थित भारतीय दूतावास में इसकी शिकायत की। फिलहाल मजदूरों ने कुआलालंपुर के एक गुरुद्वारे में शरण ली है। अब भारतीय दूतावास के दबाव के बाद मजदूरों को वहां की कंपनी ने फ्लाइट का टिकट दिया है।