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Parliament : सोनिया गांधी ने संसद में उठाया मनरेगा के तहत मजदूरों को भुगतान में देरी का मुद्दा, BJP ने किया पलटवार

सोनिया गांधी ने कहा- इस साल मनरेगा का बजट 2020 की तुलना में 35 प्रतिशत कम है, जबकि बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है। बजट में कटौती से कामगारों के भुगतान में देरी होती है, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने ‘फोर्स्ड लेबर’ माना है।

By इंडिया वॉइस 

Updated Date

नई दिल्ली, 31 मार्च। गुरुवार को संसद में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मनरेगा के तहत मजदूरों को होने वाले भुगतान में देरी का मुद्दा उठाया। उन्होंने सरकार से मांग की है कि 15 दिनों के अंदर मजदूरी का भुगतान हो और ऐसा ना होने पर मुआवजा दिया जाए।

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सरकार मनरेगा के लिए उचित बजट आवंटित करे- सोनियां गांधी

लोकसभा में शून्यकाल के दौरान सोनिया गांधी ने कहा कि मनरेगा के लिए आवंटित बजट में लगातार कटौती की जा रही है, जिसकी वजह से काम मिलने और समय पर मजदूरी के भुगतान की कानूनी गारंटी कमजोर पड़ रही है। सोनिया गांधी ने मांग की कि सरकार मनरेगा के लिए उचित बजट का आवंटन करे। काम के 15 दिनों के अंदर कामगारों को मजदूरी का भुगतान सुनिश्चित हो। मजदूरी भुगतान में देरी की स्थिति में कानूनी तौर पर मुआवजे का प्रावधान भी सुनिश्चित हो और इसके साथ ही राज्यों की वार्षिक कार्य योजनाओं को बिना किसी देरी के तुरंत निर्धारित किया जाए।

मनरेगा को सुप्रीम कोर्ट ने ‘फोर्स्ड लेबर’ माना

सोनिया गांधी ने कहा कि इस साल मनरेगा का बजट 2020 की तुलना में 35 फीसदी कम है, जबकि बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है। बजट में कटौती से कामगारों के भुगतान में देरी होती है, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने ‘फोर्स्ड लेबर’ माना है। इसी साल 26 मार्च को दूसरे सभी राज्यों ने इस योजना के तहत अपने खाते में नकारात्मक संतुलन दिखाया है, जिसमें कामगारों को भुगतान का लगभग 5,000 करोड़ रुपये बकाया है। उन्होंने आगे कहा कि हाल में सभी राज्यों से कहा गया है कि उनके सालाना श्रम बजट को तब तक मंजूरी नहीं दी जाएगी, जब तक कि वो लोकपालों की नियुक्ति और सोशल ऑडिट से संबंधित शर्तों को पूरा नहीं करेंगे। सोशल ऑडिट को निश्चित रूप से प्रभावी बनाया जाना चाहिए, लेकिन इसे लागू करने में कमियों को आधार बनाकर, इस योजना के लिए पैसे का आवंटन रोककर कामगारों को दंडित नहीं किया जा सकता है। ये अनुचित है और अमानवीय है। सरकार को इसमें बाधा डालने के बजाए इसका समाधान निकालना चाहिए।

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कांग्रेस पर अनुराग ठाकुर का पलटवार

वहीं अनुराग ठाकुर ने पलटवार करते हुए कहा कि साल 2013-14 में UPA सरकार के दौरान आवंटित बजट भी इस्तेमाल नहीं हो पाता था। इस दौरान 30 हजार करोड़ रुपए इस्तेमाल नहीं किए गए जो कि जनता की भलाई के लिए थे। कांग्रेस काल में भ्रष्टाचार चरम पर था। अनुराग ठाकुर ने कहा कि पीएम मोदी की ओर से चलाई जा रही जन धन योजना की वजह से आज मजदूरों के खाता में पैसे सीधे ट्रांसफर किए जा रहे हैं।

गिरिराज सिंह का पलटवार

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि कांग्रेस महंगाई के मुद्द पर क्या घेरेगी। UPA के कार्यकाल में महंगाई का सूचकांक क्या था?। लोग देख रहे हैं कि विश्व युद्ध की तरह माहौल बना हुआ है। कांग्रेस पहले अपना चेहरा आईने में देखे उसके बाद दूसरों को आईना दिखाए।

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