छत्तीसगढ़ चुनाव में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासत जोरों पर है। बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे पर भ्रष्ट्राचार के तमाम आरोप मढ़ रही हैं।
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रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासत जोरों पर है। बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे पर भ्रष्ट्राचार के तमाम आरोप मढ़ रही हैं। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ED द्वारा लगातार की जा रही छापेमारी को लेकर कांग्रेस और भाजपा में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जमकर चल रहा है।
एक ओर भाजपा कांग्रेस पर महादेव सट्टा एप में आरोपियों को संरक्षण देकर अवैध कमाई करने का आरोप लगा रही है। तो दूसरी ओर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल महादेव सट्टा एप में देशभर में छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा सबसे पहली कार्रवाई का जिक्र करते हुए कह रहे है कि अगर हम ऐसे सट्टा से जुड़े होते तो ये कार्रवाई यहां से शुरू नही होती।
मुख्यमंत्री ने अपने बयान में कहा है कि विधानसभा चुनाव से पहले सरकार को बदनाम करने की नीयत से भाजपा द्वारा ED और IT प्रदेशभर में छापेमारी कार्रवाई करवाई जा रही है, पर इन छापो से न तो आईटी को कुछ मिला है और न ही ईडी को।
वहीं सत्तापक्ष की कांग्रेस सरकार अब इस पूरे मामले में विपक्ष में बैठी भारतीय जनता पार्टी को उनके 15 साल के कार्यकाल में हुए घोटालों के मामले में घेरने की तैयारी कर रही है। छापों का असर किस पार्टी पर कैसे पड़ता है, क्या यह सियासी छापा है।ये तो जंच में पता पड़ेगा और आने वाला वक्त ही बताएगा।