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सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में पटाखों पर लगे प्रतिबंध को हटाने से किया इनकार

By इंडिया वॉइस 

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Fire Crackers Ban in Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा सांसद मनोज तिवारी की याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया, जिसमें त्योहारी सीजन के दौरान पटाखों की बिक्री, खरीद और उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के दिल्ली सरकार के आदेश को चुनौती दी गई थी। अनुरोध को सुनने से इनकार करते हुए, SC ने कहा, “लोगों को स्वच्छ हवा में सांस लेने दें”।

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मनोज तिवारी के अधिवक्ता शशांक शेखर झा ने दलील दी कि पराली जलाने से भी प्रदूषण बढ़ रहा है. लेकिन पीठ ने कहा कि वह मामले की सुनवाई बाद में करेगी. तिवारी ने कहा कि जनता के हितों की रक्षा के लिए याचिका दायर की गई थी, जिन्हें दिवाली मनाने से रोका जा रहा है, जो हिंदुओं के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है.

आपको बता दें कि, दिल्ली हाईकोर्ट से झटका मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी पटाखा विक्रेताओं को नसीहत देते हुए झटका दे दिया. सुप्रीम कोर्ट ने पटाखा विक्रेताओं से कहा कि दिल्ली के लोगों को साफ हवा में सांस लेने दो और अपने पैसों को आप मिठाई पर खर्च करो. सुप्रीम कोर्ट के सुनवाई से इनकार करने का मतलब है कि दिल्ली-एनसीआर में दिवाली, छठ समेत सभी त्योहारों पर अगले आदेश तक पटाखों पर बैन लागू रहेगा.

सूत्रों से मिली जानकारी के नुताबिक, दिल्ली में इस साल एक बार फिर दिवाली (Diwali 2022) पर पटाखा जलाने की इजाजत नहीं है. बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए बीते दो साल की तरह इस बार भी यह पाबंदी जारी रहेगी. हालांकि अगर आपने दिवाली पर पटाखों का इस्तेमाल किया तो यह दंडनीय अपराध होगा. इसके लिए आपको छह महीने तक की जेल और 200 रुपये जुर्माना हो सकता है. दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय (Gopal Rai) ने बताया कि राजधानी में पटाखों के उत्पादन, भंडारण और बिक्री पर विस्फोटक अधिनियम की धारा 9बी के तहत 5,000 रुपये तक का जुर्माना और तीन साल की जेल होगी.

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