विपक्षी पार्टी धीरे-धीरे एकजुट होते जा रही है भले से मुद्दा अडानी मामले में जेपीसी के गठन की हो या फिर राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द करने की सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने आवास पर एक डिनर भी रखा था जिसमें तमाम विपक्षी पार्टियों के नेता आए थे.
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विपक्षी पार्टी अब एकजुट होते हुए नजर आ रही है, राहुल गांधी ने अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी कहा था कि कहीं ना कहीं बीजेपी ने विपक्षी पार्टियों में जान फुंकने का काम किया है, तमाम विपक्षी पार्टी एक साथ बीजेपी के खिलाफ लामबंद होते हुए नजर आ रही है और खासकर राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द होने के बाद तो तमाम पार्टियों के नेता ने राहुल गांधी के पक्ष में ट्वीट किया था.
कांग्रेस अध्यक्ष ने रखा अपने आवास पर डिनर
मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने आवास पर 10 राजाजी मार्ग पर तमाम विपक्ष के नेताओं जो कि समान विचारधारा रखते है उन सभी पार्टियों के नेता के लिए डिनर रखा गया था, इस डिनर पर सोनिया गांधी, राहुल गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, द्रमुक नेता टी आर बालू, तृणमूल कांग्रेस के जवाहर सरकार, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, जनता दल (यूनाइटेड) अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह, नेशनल कांफ्रेंस के हसनैन मसूदी, झारखंड मुक्ति मोर्चा की महुआ मांझी और कई अन्य विपक्षी नेता शामिल हुए.
इससे पहले भी हुए थे एकजुट विपक्षी दल
यह पहली बार नहीं है जब विपक्षी दल एक साथ आए है इससे पहले भी अडाणी मामले में जेपीसी के गठन की मांग को लेकर भी एक साथ आते हुए नजर आए थे और लगातार दोनों ही सदनों में विपक्ष एक साथ आकर हंगामा तो कर ही रहे है साथ में नारेबाजी भी कर रहें है. अडाणी मामले में भी दो बार विपक्षी पार्टियों की तरफ से पैदल मार्च निकाला गया था हालांकि इस मार्च को पुलिस ने रोक दिया था ये मार्च विजय चौक से संसद भवन तक जाना था और पुलिस की तरफ से धारा 144 लगा दी गईं थी जिसके बाद इस मार्च को निकालने की इजाजत नहीं मिली
सवाल सबके मन में है इस वक्त क्या विपक्ष एकजुट हो गया है जिस तरीके से वो कहीं ना कहीं बीजेपी के लिए चिंता का विषय बना हुआ है? क्योंकि लोकसभा का चुनाव आने वाला है और इसी तरीके से अगर विपक्षी पार्टी एकसाथ आ जाएंगे तो एक बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है सता पक्ष के लिए.