यूपी के मेरठ जिले में गुरुवार को एसटीएफ के साथ हुई मुठभेड़ में दिल्ली-एनसीआर का इनामी बदमाश और गैंगस्टर अनिल दुजाना मारा गया। उस पर 62 से अधिक मुकदमे दर्ज थे।
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लखनऊ। यूपी के मेरठ जिले में गुरुवार को एसटीएफ के साथ हुई मुठभेड़ में दिल्ली-एनसीआर का इनामी बदमाश और गैंगस्टर अनिल दुजाना मारा गया। उस पर 62 से अधिक मुकदमे दर्ज थे। जिनमें से 18 से ज्यादा तो हत्या का केस दर्ज था। एसटीएफ को सूचना मिली कि अनिल दुजाना जानी थाना क्षेत्र के भोला झाल की गंग नहर के पास छिपा हुआ है। इस सूचना पर एसटीएफ ने दुजाना को चारों तरफ से घेर लिया। खुद को घिरता देख दुजाना ने फायरिंग करते हुए भागने की कोशिश की। इस दौरान उसकी एसटीएफ से मुठभेड़ हो गई। जिसमें वह मारा गया। वह ग्रेटर नोएडा के बादलपुर का रहने वाला था। उस पर 75 हजार का इनाम था।
बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में था
दुजाना हाल ही में जेल से छूटकर आया था। एसटीएफ उसके पीछे काफी दिनों से पड़ी थी। वह किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में था। वह इतना दुर्दांत था कि 2011 में साहिबाबाद में बदमाश सुंदर भाटी के भांजे की शादी समारोह में उसने भरी भीड़ में गोली मारकर तीन लोगों की हत्या कर दी थी। सुंदर भाटी से उसकी पुरानी अदावत थी। वह शादी समारोह में सुंदर भाटी को ही मारने आया था।
जेल से छूटने के बाद गवाहों को धमका रहा था
जेल से छूटने के बाद दुजाना ने गवाहों को धमकाना शुरू कर दिया था। इस बात की भी जानकारी एसटीएफ को मिल रही थी। यूपी में 90 के दशक में पश्चिमी यूपी में सुंदर भाटी और नरेश भाटी की दुशमनी जगजाहिर थी। 2004 में जिला पंचायत अध्यक्ष रहे नरेश भाटी की हत्या सुंदर भाटी गैंग ने कर दी थी। इसके बाद नरेश भाटी के भाई ने इस हत्या का बदला लेने के लिए अनिल दुजाना को अपने साथ लिया। उस पर पहला मामला 2002 में गाजियाबाद में दर्ज हुअ था।