Booking.com

राज्य

  1. हिन्दी समाचार
  2. दिल्ली
  3. क्या है गरुड़ पुराणः घर-परिवार में किसी की मृत्यु के बाद क्यों जरूरी है इसे सुनना

क्या है गरुड़ पुराणः घर-परिवार में किसी की मृत्यु के बाद क्यों जरूरी है इसे सुनना

 हिंदू धर्म में सभी 16 संस्कारों की तरह मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार का विधान है। यह व्यक्ति के जीवन का आखिरी संस्कार होता है। मृत्यु के बाद कई क्रियाक्रम किए जाते हैं। इन्हीं में एक है गरुड़ पुराण का पाठ कराना।

By Rajni 

Updated Date

नई दिल्ली।  हिंदू धर्म में सभी 16 संस्कारों की तरह मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार का विधान है। यह व्यक्ति के जीवन का आखिरी संस्कार होता है। मृत्यु के बाद कई क्रियाक्रम किए जाते हैं। इन्हीं में एक है गरुड़ पुराण का पाठ कराना।

पढ़ें :- मथुराः इस मंदिर में अमर्यादित कपड़े पहनकर नहीं कर पाएंगे दर्शन, भक्त मंदिर की परंपरा का रखें ध्यान

गरुड़ पुराण का पाठ आमतौर पर तब कराया जाता है, जब घर-परिवार में किसी की मृत्यु हो जाती है। मृत्यु के बाद पूरे 13 दिनों तक घर पर इसका पाठ होता है, जिसे घर के सभी सदस्य सुनते हैं। इसके पीछे ऐसी मान्यता है कि मृत्यु के बाद मृतक की आत्मा 13 दिनों तक घर पर ही रहती है।

ऐसे में घर पर जब गरुड़ पुराण का पाठ होता है तो आत्मा भी इसे सुनती है और इससे आत्मा का मोह अपने परिवार से कम होता है। गरुड़ पुराण का पाठ किसी कि मृत्यु के बाद घर पर कराने का विधान है। लेकिन सवाल यह है कि आखिर गरुड़ पुराण क्या है।

दरअसल गरुड़ पुराण को हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण ग्रंथ माना गया है, जोकि 18 महापुराणों में एक है। इसमें भगवान विष्णु द्वारा मृत्यु, यमलोक की यात्रा, स्वर्ग, नरक योनि, पाप, पुण्य और आत्मा की सद्गति के संबंध से गूढ़ और रहस्यमय बातें बताई गई हैं।

पक्षीराज गरुड़ द्वारा पूछे प्रश्नों का भगवान विष्णु ने जो उत्तर दिया है, उसी का वर्णन गरुड़ पुराण में मिलता है। यह ऐसा ग्रंथ है जिसमें न केवल मृत्यु बल्कि जीवन का रहस्य भी समाहित है। इसलिए हर व्यक्ति को इसमें बताई गई बातों के बारे में जरूर जानना चाहिए।

पढ़ें :- केदारनाथ के दर्शन के लिए नए पंजीकरण पर 25 मई तक लगी रोक

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook, YouTube और Twitter पर फॉलो करे...
Booking.com
Booking.com
Booking.com
Booking.com