जम्मू-कश्मीर से एक बड़ी खबर सामने आई है,जम्मू कश्मीर के रियासी जिले के सलाल-हैमाना में 59 लाख टन लिथियम का भंडार पाया गया है.पहली बार देश में लिथियम का इतना बड़ा खजाना मिला है,भारत सरकार ने यह घोषणा की है.
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New Delhi:जम्मू-कश्मीर से एक बड़ी खबर सामने आई है,जम्मू कश्मीर के रियासी जिले के सलाल-हैमाना में 59 लाख टन लिथियम का भंडार पाया गया है.पहली बार देश में लिथियम का इतना बड़ा खजाना मिला है,भारत सरकार ने यह घोषणा की है.
लिथियम का प्रयोग इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल की बैटरी बनाने में किया जाता है, लेड-एसिड के विपरीत, लिथियम-आयन बैटरी को बिना किसी विफलता के लगभग 10% क्षमता तक डिस्चार्ज किया जा सकता है, और हजारों बार रिचार्ज और डिस्चार्ज किया जा सकता है. वहीं सबसे कम घनत्व वाली धातु होने के कारण प्रति किलोग्राम उच्चतम ऊर्जा भंडारण क्षमता के लिए लिथियम बैटरी के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण घातक माना जाता है.
आने वाले समय में लिथियम देश के लिए एक बड़ा खजाना साबित होगा.लिथियम के कारण किसी भी बैटरी का वजन अप्रत्याशित रूप से कम हो जाता है,लिथियम को ग्रीस, फार्मास्युटिकल, AC और एल्यूमीनियम उत्पादन में भी उपयोग किया जाता है,लिथियम बैटरी किसी भी अन्य बैटरी के मुकाबले अधिक बार उपयोग में ली जा सकती है
हालांकि भारत में अभी भी हम लिथियम के इस्तेमाल के बारे में अधिक नहीं जानते. यह पांच फैक्ट आपको जानने में मदद करेंगे कि EV वाहनों के लिए वरदान माने जाने वाला लिथियम क्यों और कैसे बेहद महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है,दुनिया का आधे से अधिक लिथियम ऑस्ट्रेलिया से आता है