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आखिर कब से 1 जनवरी को मनाया जाता है नया साल, पढ़ें आगे

कब से एक जनवरी को मनाया जाता है नया साल? अगर आपके मन में भी ये सवाल आया है कि तो पढ़ें हमारी ये पोस्ट..

By इंडिया वॉइस 

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सिर्फ 440 साल पुरानी है यह परिपाटी: अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से जब हम आज नया वर्ष शुरू कर रहे हैं, यह जानना रोचक है कि भारतवर्ष के विभिन्न हिस्सों में वर्ष- गणना इसके मुकाबले अति प्राचीन और वैज्ञानिक है। हिन्दू पंचाग के अनुसार चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को साल का पहला दिन होता है। इस हिसाब से हमारे सभी त्योहार और व्रत-पूजा आदि निश्चित समय पर ही हुआ करते हैं। हमारे खगोलशास्त्रियों ने यह निर्धारण सुव्यवस्थित गणितीय आधार पर किया है। यह पंचांग ही ग्रहों के नाम पर सप्ताह में सात दिन और साल में 12 महीने की व्यवस्था करता है। यह व्यवस्था लगभग पूरे देश में है। महाराष्ट्र में चैत्र प्रतिपदा को गुड़ीपड़वा से साल शुरू होता है। गुजराती लोगों में दीपावली के दूसरे दिन परीवा से, पंजाबी समुदाय बैसाखी, तो बंगाल में बैसाख के पहले दिन नया साल शुरू होता है। तमिल सामज का नववर्ष पोंगल से शुरू होता है और कमाल है कि यह मकर संक्रांति की तरह 14-15 जनवरी को ही होता है। इसी तरह मलयाली समाज में ओणम, पारसियों में नवरोज, तो जैन समुदाय में दीपावली से नव वर्ष प्रारम्भ होता है। मुस्लिम समुदाय में मोहर्रम की पहली तारीख से नया साल शुरू होता है। यह मुस्लिम व्यवस्था भी ग्रहों में से एक चांद के आधार पर है।

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इन भारतीय व्यवस्था के मुकाबले नया साल मनाने की नई परंपरा सिर्फ 440 साल पुरानी है। पश्चिमी देशों में पहले नया साल कभी 25 मार्च, तो कभी 25 दिसंबर को हुआ करता था। ऐसे में साल 360 दिन और सप्ताह के आठ दिन की व्यवस्था थी। पोपो ग्रेगरी ने 1582 में लीप ईयर की गलती निकाली। इसके साथ ही धर्म गुरू सेंट बीड ने 365 दिन, पांच घंटे और 46 सेकेंड के साल वाली व्यवस्था दी। अंग्रेजी प्रभाव में यही व्यापक होता गया।

इसी दिन हिन्दू विद्रोह के नायक की हत्याः महाराणा प्रताप और छत्रपति शिवाजी की तरह वीर गोकुला जाट ने भी कभी मुगल दासता स्वीकार नहीं की। गोकुला जाट, गोकुल सिंह के नाम से भी जाने जाते थे और उन्होंने औरंगजेब की सत्ता को हिला कर रख दिया था। उसके सिपहसालार पांच महीने तक गोकुला जाट से लड़कर हार चुके थे। इसे हिन्दू विद्रोह भी कहा जाता है। दिल्ली से चलकर खुद औरंगजेब मथुरा पहुंचा और तिलपत के युद्ध में उसे वीर गोकुला जाट से जूझना पड़ा था। सिर्फ एक दिन में खानवा, हल्दीघाटी और पानीपत जैसी निर्णायक लड़ाइयों के मुकाबले तीन दिन के तिलपत युद्ध में औरंगजेब को बहुत नुकसान उठाना पड़ा। फिर एक जनवरी,1670 को कोतवाली में वीर गोकुला की सार्वजनिक और नृशंस तरीके से हत्या की गई। एक-एक अंग काटने से वीर गोकुला के शरीर से खून बहता रहा। इसीलिए इस स्थान का नाम फव्वारा पड़ा गया।

अन्य महत्वपूर्ण घटनाएंः

1664: छत्रपति शिवाजी का सूरत अभियान शुरू।

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1862: भारतीय दंड संहिता और अपराध प्रक्रिया संहिता लागू।

1880: मनी आर्डर प्रणाली की शुरूआत।

1948: संयुक्त राष्ट्र में भारत की ओर से पाकिस्तान की शिकायत। तब पाकिस्तान ने कश्मीर घाटी में हमलावर भेजे थे।

1959: फिदेल कास्रो के नेतृत्व में क्यूबा के तानाशाह फ्लुजेंसियो बतिस्ता का तख्ता पलटा गया।

1978: एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त होकर समुद्र में गिरा।

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1984: संपन्न और भौगोलिक रूप से छोटा एशियाई देश ब्रुनेई, ब्रिटेन से आजाद हुआ।

1992: नये साल की पूर्व संध्या पर जश्न मनाते तत्कालीन बम्बई में जहरीली शराब पीने से कम से कम 91 लोगों की मौत।

2011: ओपरा विनफ्रे नेटवर्क की शुरूआत।

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