किसान आंदोलन के चलते दिल्ली में प्रवेश की सभी सीमाएं सील कर दी गई हैं। आवाजाही ठप होने का असर यमुनानगर के प्लाईवुड, बर्तन उद्योग एवं सैनिटरी उद्योग पर देखने को मिल रहा है। दिल्ली सीमा बंद होने से यमुनानगर की ईकाइयों में तैयार 80 प्रतिशत माल यहीं पड़ा हुआ है। पांच दिन से तैयार माल की आपूर्ति नहीं होने से व्यापारी भी परेशान हैं।
Updated Date
यमुनानगर। किसान आंदोलन के चलते दिल्ली में प्रवेश की सभी सीमाएं सील कर दी गई हैं। आवाजाही ठप होने का असर यमुनानगर के प्लाईवुड, बर्तन उद्योग एवं सैनिटरी उद्योग पर देखने को मिल रहा है। दिल्ली सीमा बंद होने से यमुनानगर की ईकाइयों में तैयार 80 प्रतिशत माल यहीं पड़ा हुआ है। पांच दिन से तैयार माल की आपूर्ति नहीं होने से व्यापारी भी परेशान हैं।
यमुनानगर प्लाईवुड, बर्तन उद्योग की फैक्ट्रियों में तैयार माल देश के करीब सभी राज्यों में भेजा जाता है। दिल्ली में प्लाईवुड, बर्तन उद्योग का बड़ा बाजार है। यहां की फैक्ट्रियों में तैयार माल पहले दिल्ली और फिर वहां से पूरे देश में भेजा जाता है। दिल्ली माल न पहुंच पाने के कारण लगभग देशभर में प्लाईवुड, बर्तन उद्योग की सप्लाई में कमी आई है। दिल्ली बॉर्डर सील होने से यमुनानगर में तैयार करोड़ों का प्लाईवुड, बर्तन फैक्ट्रियों में ही पड़ा है।