पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने समस्त पिछड़े समाज से अपील करते हुए कहा कि पंचायत चुनाव में कांग्रेस, झामुमो और राजद समर्थित उम्मीदवारों के पक्ष में वोट ना डालें।
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रांची, 14 अप्रैल। बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि झारखंड की हेमंत सरकार ने पिछड़े वर्ग की पीठ में छुरा घोंपने का काम किया है। पर्याप्त समय रहने के बावजूद सरकार ने जानबूझ कर पिछड़ों का सर्वे नहीं कराया। जिसका नतीजा ये हुआ कि इस बार के पंचायत चुनावों में पिछड़ों के लिए आरक्षण नहीं हो पाया है।
सोरेन सरकार ने पिछड़ा वर्ग के साथ विश्वासघात किया- दास
रघुवर दास ने गुरुवार को कहा कि भारतीय संविधान की धारा 243 (D) के सेक्शन 6 के तहत पिछड़े वर्ग को स्थानीय निकायों में आरक्षण का प्रावधान किया गया। साल 2010 में कृष्णमूर्ति बनाम भारत सरकार मामले में उच्चतम न्यायालय ने उक्त प्रावधान को वैध ठहराया था। साथ ही पिछड़ा वर्ग के राजनीतिक पिछड़ेपन को लेकर सर्वे रिपोर्ट तैयार करने को कहा था। इसी को ध्यान में रखकर साल 2019 में राज्य में बीजेपी सरकार में पिछड़ों का सर्वेक्षण कार्य शुरू किया गया था, लेकिन हेमंत सरकार के आते ही कांग्रेस, झामुमो और राजद ने सुनियोजित साजिश के तहत सर्वेक्षण को बंद करा दिया। आज उसी के कारण पंचायत चुनाव में पिछड़ा वर्ग को भारतीय संविधान से मिलने वाले आरक्षण से वंचित कर दिया गया। ये पूरे पिछड़ा वर्ग के साथ विश्वासघात है।
पिछड़े समाज से रघुवर दास ने की अपील
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने समस्त पिछड़े समाज से अपील करते हुए कहा कि पंचायत चुनाव में कांग्रेस, झामुमो और राजद समर्थित उम्मीदवारों के पक्ष में वोट ना डालें। इन पिछड़ा वर्ग विरोधी पार्टियों को सबक जरूर सिखाएं, ताकि भविष्य में ये दल पिछड़ा वर्ग की अनदेखी करने की हिम्मत ना करें। पिछड़े वर्ग को पंचायत चुनाव में आरक्षण नहीं तो झामुमो, कांग्रेस और राजद के उम्मीदवारों को वोट नहीं।