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Jharkhand : खेल घोटाले पर हाईकोर्ट ने खड़े किए कई सवाल, सीबीआई कसेगी आरोपियों पर शिकंजा

खेल घोटाले में जुड़े बड़े नेताओं पर जल्द ही कसेगा सीबीआई का शिकंजा, कोर्ट ने कहा कि जांच सीबीआई से कराई जाए।

By इंडिया वॉइस 

Updated Date

नई दिल्ली, 18 अप्रैल। वर्ष 2011 में झारखंड के अंदर 34वें राष्ट्रीय खेल का आयोजन किया गया था। इस आयोजन के बाद इसमें घोटाले की जानकारी मिली थी। इस दौरान हुए घोटाले में राज्य के कई बड़े राजनेताओं और नौकरशाहों के नाम सामने आये थे। मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने जजमेंट में कहा है कि इस घोटाले में कई बड़े लोगों के नाम जुड़े हैं, इसी वजह से कोर्ट को कई बार गुमराह किया गया। सरकार की ओर से गलत हलफनामा दायर किया गया। कोर्ट ने कहा कि एसीबी ने घोटाले की जांच को 12 सालों तक लटकाए रखा। लेकिन कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश देते हुए कहा है कि केस को प्रभावित करने वाले अधिकारियों और नेताओं की भूमिका की जांच की जाए।

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मेगा स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में हुई गड़बड़ी

विधानसभा कमेटी की जांच में मेगा स्पोर्ट्स कांप्लेक्स के निर्माण में अनियमितता की पुष्टि हुई थी। विधानसभा की कमेटी ने पाया था कि इस प्रोजेक्ट के निर्माण में पूर्व में 206 करोड़ खर्च किये जाने थे, लेकिन बाद में इस राशि को बढ़ाकर 340 करोड़ व 424 करोड़ तक बढ़ाया गया। कमेटी ने इस प्रोजेक्ट में कई गड़बड़ियों को पकड़ा था। इस गड़बड़ी के लिए एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो) को आठ माह में जांच पूरा करने के निर्देश दिये थे। लेकिन एसीबी ने इस जांच नहीं की, जबकि खेल विभाग, कला व संस्कृति के डिप्टी सेक्रेटरी ने हलफनामा दायर किया कि इस मामले में एसीबी जांच की जा रही है।

कांप्लेक्स निर्माण की जांच का नहीं था आदेश

इस गड़बड़ी मामले में एसीबी के डीएसपी स्तर के अधिकारी ने हलफनामा देखर बताया था कि उन्हें मेगा स्पोर्ट्स कांप्लेक्स के निर्माण में हुई गड़बड़ी पर जांच के निर्देश नहीं मिले हैं। एसीबी खेल सामग्रियों की खरीद में हुई 28 करोड़ की अनियमितताओं से जुड़े मामले की जांच कर रही है। हाईकोर्ट ने अपने जजमेंट में बताया है कि एसीबी की ओर से जनवरी 2019, मार्च 2022 व अप्रैल 2022 के हलफनामें के अनुसार उनकी जांच का दायरा केवल खेल सामग्रियों की खरीद तक ही रहा, मेगा स्पोर्ट्स कांप्लेक्स के निर्माण की गड़बड़ियों पर जांच कभी नहीं की गई।

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क्यों कोर्ट ने सीबीआई जांच को माना जरूरी

  • राष्ट्रीय खेल के आयोजन में झारखंड सरकार के कई बड़े नेता व अधिकारी शामिल हैं। जनता का पैसों को दुरुपयोग होने से बचाने के लिए जांच सीबीआई से कराना आवश्यक है। इसके साथ ही कोर्ट ने ऐसा करने के लिए रूबाद्दीन शेख बनाम गुजरात सरकार के निर्णय को भी आधार बनाया है।
  • मेगा स्पोर्ट्स कांप्लेक्स का निर्माण करने से जुड़े अधिकारी व निर्माण कार्य करने वाली कंपनियों के ऑफिस अन्य राज्यों के हैं। ऐसे में राज्य सरकार की एसीबी अन्य राज्यों ठीक तरह से जांच नहीं कर पाएगी, इसी वजह से सीबीआई को इस मामले की जांच के लिए आवश्यक माना जा रहा है।
  • जांच को प्रभावित करना अपराध है। पुलिस विभाग व प्रशासन के बड़े अधिकारियों ने जांच को 12 सालों तक लटकाकर रखा गया। इस जांच को प्रभावित करने वाले लोगों को चिंहित करने के लिए भी सीबीआई द्वारा जांच करना जरूरी है।

 

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