शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे व उनके साथ के अन्य बागी विधायक असम की राजधानी गुवाहाटी में रह रहे हैं। आसम में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का राज है। विधायकों के तेवर से सरकार के पसीने निकल रहे हैं।
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नई दिल्ली, 23 जून 2022। शिवसेना के नेता एकनाथ शिंदे अभी भी अन्य बागी विधायकों के साथ असम में है। असम में भाजपा का राज है इसलिए सरकार अपने पख्तापलट को लेकर भयभीत है। उद्धव ठाकरे के हाथों से बात काफी आगे निकल गई है। कल रात उन्होंने अपना सीएम आवास भी छोड़ दिया है। उद्धव ठाकरे वापस अपने पुस्तैनी मकान मातोश्री में रहने चले गए हैं। महाविकास अघाड़ी गठबंधन विधायकों को वापस अपने पक्ष ने लाने की हर संभव कोशिश कर रहा है। कल उद्धव ठाकरे ने कहा था कि वह सीएम और शिवसेना की जिम्मेदारी छोड़ना चाहते हैं। उन्होंने शिंदे को मुख्यमंत्री बनने का ऑफर दिया है। वहीं भाजपा बागी विधायकों पर नजरे रखी हुई है। इसी बीच एकनाथ शिंदे ने सीएम को एक लेटर लिख अनपी समस्याओं के बारे में बताया।
एकनाथ शिंदे ने सीएम को चिट्ठी में क्या लिखा
एकनाथ शिंदे ने लिखा कि आपने आम लोगों के लिए अपने बंगले के दरवाजे खोल दिए ये अच्छा है। पिछले ढाई सालों से बंगले के दरवाजे बंद थे। विधायक होने के बावजूद हमको आपसे मिलने के लिए आपके करीबियों के चक्कर लगाने पड़ते है।
आपके पास इकट्ठा हुए लोगों ने हमें राज्यसभा व विधान परिषद के चुनावों से दूर रखा। जिसका नतीजा अब आपके सामने है। हमें कहा गया कि आप बंगले की छठी मंजिल पर लोगों से मिलेंगे, लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ। हम अपने विधान सभा क्षेत्र में काम के लिए जब आपसे संपर्क करते हैं तो आप फोन नहीं उठाते। ये समस्या हम लोगों को उठानी पड़ रही थी,जिसकी वजह से सभी विधायक परेशान थे। हमने आपसे इस बारे में कई बार बात करने का प्रयास किया, लेकिन किसी ने कोई कुछ नहीं सुना।
अब हम सब न्याय और हक के लिए एकजुट हुए हैं। इसीलिए हमने उन्हें नेता मानते हुए यह फैसला लिया है। हिंदुत्व, अयोध्या और राम मंदिर शिवसेना के मुद्दे हैं, लेकिन हमें रोक दिया गया। कई विधायकों को खुद उद्धव ठाकरे ने ही अयोध्या जाने से रोक दिया। राज्यसभा चुनाव में शिवसेना का एक भी वोट क्रॉस वोट नहीं हुआ था।
इसके बाद भी विधान परिषद चुनाव से पहले हम पर अविश्वास जताया गया। हमें भी रामलला के दर्शन करने थे, लेकिन ऐसा क्यों नहीं करने दिया गया। हमें कभी वर्षा पर जाने की परमिशन नहीं मिली। एनसीपी और कांग्रेस के लोग आसानी से मिल जाते थे, लेकिन हमें एक्सेस नहीं था।