Booking.com
  1. हिन्दी समाचार
  2. दिल्ली
  3. राजनीति के खिलाड़ीः कौन हैं बृजभूषण शरण सिंह, जिनकी कैसरगंज सीट पर उम्मीदवारी को लेकर बना हुआ है SUSPENSE

राजनीति के खिलाड़ीः कौन हैं बृजभूषण शरण सिंह, जिनकी कैसरगंज सीट पर उम्मीदवारी को लेकर बना हुआ है SUSPENSE

लोकसभा चुनाव को लेकर UP की कैसरगंज सीट चर्चा में है। इस सीट से अभी बृजभूषण शरण सिंह BJP के MP हैं। BJP हाईकमान ने अभी इस सीट पर अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। कैसरगंज में पांचवें चरण में 20 मई को चुनाव होना है।

By HO BUREAU 

Updated Date

EDITED BY SANJAY KUMAR SRIVASTAVA

पढ़ें :- आंबेडकर...आंबेडकर..आंबेडकर..और भड़क गई कांग्रेस ! अमित शाह पर बरस रहे सियासी शोले

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव को लेकर UP की कैसरगंज सीट चर्चा में है। इस सीट से अभी बृजभूषण शरण सिंह BJP के MP हैं। BJP हाईकमान ने अभी इस सीट पर अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। कैसरगंज में पांचवें चरण में 20 मई को चुनाव होना है।

वे करीब तीन दशक से पार्टी से जुड़े हुए हैं। वे भाजपा के गद्दावर नेता माने जाते हैं। वह 6 बार सांसद बन चुके हैं। वह 10वीं, 13वीं, 14वीं, 15वीं, 16वीं, 17वीं लोकसभा के सदस्य रहें हैं। साथ ही वह एक दशक से अधिक समय से भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष भी थे। हाल ही में महिला पहलवानों से विवाद के कारण वह काफी सुर्खियों में भी थे।

बृज भूषण शरण सिंह का जन्म 6 जनवरी, 1957 को उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के विश्रोहरपुर गांव में हुआ। उनके पिता का नाम जगदम्बा शरण सिंह और माता का नाम प्यारी देवी था। उनकी पत्नी का नाम केतकी देवी है। उनके दो बेटे और एक बेटी हैं। बेटे का नाम प्रतीक भूषण शरण सिंह और करण शरण सिंह है। जबकि उनकी बेटी का नाम शालिनी सिंह है।

सांसद की पत्नी और बड़ा बेटा भी राजनीति में सक्रिय 

पढ़ें :- वन नेशन-वन इलेक्शन, विपक्षी पार्टियों के अलग रिएक्शन !

सांसद की पत्नी और बड़ा बेटा भी राजनीति में सक्रिय हैं। बृज भूषण शरण सिंह की पत्नी केतकी देवी बीजेपी से सांसद और जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं, जबकि बृज भूषण के बड़े बेटे प्रतीक भूषण शरण सिंह वर्तमान में गोंडा सदर से बीजेपी विधायक हैं।

घटना यह थी एक बार गर्मी की छुट्टी के समय वे अपने गांव के पास के कॉलेज जा रहे थे। इसी दौरान रास्ते में उन्हें कुछ मनचले दिख गए। वे मनचले कॉलेज जाती हुई लड़कियों को छेड़ रहे थे, फिर क्या था युवा पहलवान बृज भूषण उन लड़कों से भिड़ गए।

मनचलों को पीटकर छात्र नेता के रूप में हुए थे चर्चित

बताया जाता है कि इसी घटना ने उन्हें छात्र नेता के रूप में पहचान दिला दी और 1979 में बृज भूषण शरण सिंह की रिकॉर्ड तोड़ मतों से जीत हुई। यहीं से एक छात्र नेता से आगे बढ़ते हुए एक बाहुबली नेता बनने तक का क्रम चल पड़ा। वर्ष 1988 में वह पहली बार भारतीय जनता पार्टी से जुड़े।

BJP से जुड़ने के बाद बृज भूषण शरण सिंह ने अपनी छवि एक हिंदुवादी नेता के तौर पर बनाई। अयोध्या के बाबरी मस्जिद ढांचे को गिराने के आरोपी भी रहे। बृज भूषण सिंह का नाम BJP के कद्दावर नेता लाल कृष्ण आडवाणी के साथ उन 40 आरोपियों में शामिल था, जिन्हें 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद के ढांचे को गिराने का ज़िम्मेदार माना गया था। हालांकि सितंबर 2020 में कोर्ट ने उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया था। वर्ष 1991 में भाजपा ने पहली बार उन्हें गोंडा लोकसभा क्षेत्र से टिकट दिया। उन्होंने अपने पहले चुनाव में ही रिकॉर्ड तोड़ जीत हासिल कर अपनी लोकप्रियता साबित कर दी। हालांकि इसके कुछ समय बाद ही टाडा से जुड़े एक मामले में वह जेल चले गए और उनकी राजनीति पर दाग लग गई।

पढ़ें :- बीजेपी ही नहीं सपा को भी झटका देने की तैयारीः 2027 के लिए कांग्रेस ने एक्टिव किया B प्लान ! नई टीम, नई रणनीति, नए कलेवर -तेवर में दिखेगी कांग्रेस

इस दौरान उनकी पत्नी केतकी देवी संकटमोचक के तौर पर सामने आईं और उनके राजनीतिक कैरियर को सहारा दिया। बाद में वे सीबीआई जांच में निर्दोष पाए गए। उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया। जेल से छूटने के बाद वर्ष 1999 में (13वीं लोकसभा के लिए) भाजपा ने उन्हें फिर से गोंडा लोकसभा क्षेत्र से टिकट दिया। इस चुनाव में भी वे जीत गए।

इसके बाद 2004 में 14वीं लोकसभा के लिए भाजपा ने उन्हें टिकट तो दिया मगर इस बार उनकी सीट बदल दी गई। पार्टी ने उन्हें बलरामपुर लोकसभा क्षेत्र से टिकट दी और वे इस चुनाव में भी जीत गए लेकिन इसके बाद कुछ दिनों के लिए उनका भाजपा से मतभेद हो गया।

परिणाम यह हुआ कि 20 जुलाई, 2008 को बृज भूषण शरण सिंह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। वर्ष 2009 में 15वीं लोकसभा के लिए सपा ने उन्हें उत्तरप्रदेश के कैसरगंज से टिकट दिया। पार्टी बदल गई मगर जीत का सिलसिला नहीं रुका, बृज भूषण शरण सिंह इस बार भी जीत गए। लेकिन जल्द ही उन्हें पार्टी बदलने पर भूल का आभास हुआ।

भाजपा के एक जिताऊ उम्मीदवार के रूप में बनी पहचान

परिणाम यह हुआ कि 2014 में उन्होंने 16वीं लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अपनी पुरानी पार्टी में घर वापसी कर ली और वे फिर से भाजपा के एक जिताऊ उम्मीदवार साबित हुए। वर्ष 2019 में हुए 17वीं लोकसभा चुनाव में भी पार्टी ने उन्हें कैसरगंज से ही उम्मीदवार बनाया और वे इस बार भी जीत गए। बृज भूषण शरण सिंह अभी वर्तमान में यूपी के कैसरगंज से ही सांसद हैं। बृज भूषण सिंह की गिनती दबंग नेताओं में होती है। छात्र जीवन से ही राजनीतिक तौर पर बेहद सक्रिय रहे बृज भूषण शरण सिंह का युवा जीवन अयोध्या के अखाड़ों में गुज़रा. पहलवान के तौर पर वे ख़ुद को ‘शक्तिशाली’ कहते हैं।लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद से ही कैसरगंज लोकसभा सीट चर्चा में है।

जिस पर किसी भी दल ने अभी तक पत्ते नहीं खोले हैं। ठीक इसी प्रकार सियासी असमंजस 1996 में भी था। गोंडा लोकसभा क्षेत्र से मनकापुर राजघराने का तिलस्म तोड़ने वाले श्रीराम मंदिर आंदोलन से निकले युवा नेता बृजभूषण शरण सिंह संगीन आरोप में जेल में थे।

पढ़ें :- समंदर लौट आयाः देवेंद्र फडणवीस ने तीसरी बार ली महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ

भाजपा के पास दूसरा कोई ऐसा चेहरा नजर नहीं आ रहा था जो राजा आनंद सिंह को चुनौती दे सके। उस वक्त पति को संकट में देख केतकी चारदीवारी से निकलकर राजनीति के धुरंधर आनंद सिंह को करीब 67 हजार वोटों से शिकस्त दे दी।

वर्ष 1991 में पहली बार गोंडा लोकसभा सीट पर खिला था कमल 

वर्ष 1991 में पहली बार गोंडा लोकसभा सीट पर कमल खिला था। बृजभूषण शरण सिंह ने करीब दो दशक से सत्तासीन आनंद सिंह को एक लाख से अधिक मतों से हराकर राजघराने का तिलस्म तोड़ा था। लेकिन साल 1996 के लोकसभा चुनाव से पहले बृजभूषण पर संकट के बादल मंडराने लगे और उन्हें ‘टाडा’ के तहत जेल में जाना पड़ा। तब केतकी सिंह की सियासत में पहली एंट्री हुई।

कोर्ट ने बृजभूषण शरण सिंह की अर्जी पर फैसला रखा सुरक्षित, 26 अप्रैल को होगी सुनवाई

WFI (भारतीय कुश्ती महासंघ) के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह यौन उत्पीड़न मामले की सुनवाई के लिए गुरुवार को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट पहुंचे। बृज शरण सिंह ने यौन उत्पीड़न मामले में आगे की जांच की मांग करते हुए आवेदन दायर किया। राउज एवेन्यू कोर्ट ने बृजभूषण शरण सिंह की अर्जी पर 26 अप्रैल के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया है।

जानें क्या है पूरा मामला

गौरतलब है कि विश्व चैम्पियनशिप पदक विजेता विनेश फोगाट देश और दो अन्य पहलवानों ने WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था और उनके खिलाफ प्रदर्शन किया था। वहीं, दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ मामला दर्ज किया था, लेकिन जुलाई में स्थानीय अदालत से बृजभूषण  को जमानत मिल गई।

पढ़ें :- DU  छात्रसंघ चुनावः NSUI का अध्यक्ष व संयुक्त सचिव तो उपाध्यक्ष व सचिव ABVP का चुना गया  

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook, YouTube और Twitter पर फॉलो करे...
Booking.com
Booking.com