नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से गिरफ्तार किए जाने के बाद ईडी को लेकर काफी चर्चा हो रही है। इससे पहले भी ईडी की ओर से कई नेताओं पर कार्रवाई की गई है, जिसके बाद ईडी, ईडी की कार्य प्रणाली की चर्चा हो रही है।
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नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से गिरफ्तार किए जाने के बाद ईडी को लेकर काफी चर्चा हो रही है। इससे पहले भी ईडी की ओर से कई नेताओं पर कार्रवाई की गई है, जिसके बाद ईडी, ईडी की कार्य प्रणाली की चर्चा हो रही है।
आपने भी इन दिनों कई बार ईडी का नाम सुना होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर ये क्या है और ये सीबीआई से किस तरह से अलग है? तो जानते हैं इन सवालों के जवाब और आपको बताते हैं कि आखिर ईडी का क्या काम है और ईडी में किसी के घर भी रेड डालने का प्रोसेस क्या है?आम भाषा में कहें तो प्रवर्तन निदेशालय या ईडी एक जांच एजेंसी है, जो मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े क्राइम और विदेशी मुद्रा कानूनों के उल्लंघन को लेकर जांच करती है।
ईडी धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002(पीएमएलए), विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम,1999 (फेमा), भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 (एफ।ई।ओ।ए), विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम,1973 (फेरा) कानून के तरह कार्य करती है।ईडी के स्ट्रक्चर की बात करें तो इसमें एक डायरेक्टर होते हैं और उनके साथ एक जॉइंट डायरेक्टर (एओडी)।
इसके बाद उनके नीचे 9 स्पेशल डायरेक्टर होते हैं, जो देश के अलग अलग जोन और हेडक्वार्टर, इंटेलिजेंस आदि के आधार पर बंटे हैं। इसके बाद इनके नीचे कई जॉइंट डायरेक्टर, डेप्युटी डायरेक्ट आदि होते हैं और फिर अलग अलग अधिकारी होते हैं। आपको बता दें कि ईडी को मनी लॉन्ड्रिंग जैसे केस में जांच करने का विशेष अधिकार प्राप्त है। किसी भी मामले में ईडी केस दर्ज कर उसकी जांच शुरू करती है।