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हनुमान जन्मोत्सव 2024 : एक साल में दो बार क्यों मनाई जाती है, हनुमान जयंति ? इसके पीछे छिपा अद्भुत रहस्य

हनुमान जन्मोत्सव को दो बार मनाया जाता है क्योंकि हिन्दू पंचांग के अनुसार, हनुमान जी का जन्म मासिक शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को हुआ था और फिर उनका जन्म भी चैत्र माह में हुआ था। यही कारण है कि हनुमान जन्मोत्सव को दो बार मनाया जाता है। अद्भुत रहस्य का जिक्र करते हुए, इसका अद्भुत रहस्य यह है कि हनुमान जी की कृपा और आशीर्वाद निरंतर उनके भक्तों पर बना रहता है, और उन्हें जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति में मदद करता रहता है। इस अद्भुत रहस्य के साथ, हनुमान जन्मोत्सव का उत्सव मनाने से भक्तों का मनोबल भी बढ़ता है और उन्हें आध्यात्मिक ऊर्जा और संजीवनी शक्ति मिलती है।

By Rajasthan Bureau@indiavoice.co.in 

Updated Date

हिंदू धर्म में हनुमान जी को बड़े ही महत्वपूर्ण देवता माना जाता है। उन्हें शक्ति, वीरता, बल और आदर्श का प्रतीक माना जाता है। उनके जन्मोत्सव को मनाने से उनकी कृपा और आशीर्वाद मिलता है, जो भक्तों के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति में मदद करता है। इसी कारण से हनुमान जन्मोत्सव का महत्व है और इसे धार्मिक उत्सव के रूप में दो बार मनाया जाता है।

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इस दिन जन्में थे,अंजनी पुत्र

धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से इसका महत्व समझ में आता है। हनुमान जी का जन्म पूर्णिमा के दिन हुआ था, जो कि हिंदू कैलेंडर के अनुसार मासिक शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा होती है। पूर्णिमा का यह दिन सूर्य और चंद्रमा की उत्तम दिखाई देती है, जिससे संसार के लोगों में आनंद और उत्साह की भावना उत्पन्न होती है।

हनुमान जी को हिन्दू धर्म में भगवान राम के भक्त के रूप में पूजा जाता है, जिनकी भक्ति और पराक्रम के कथाओं को माना जाता है। उन्हें सामाजिक समृद्धि, धार्मिक उत्थान, और आध्यात्मिक सच्चाई के प्रतीक के रूप में सम्मानित किया जाता है। हनुमान जन्मोत्सव का उत्सव पूर्णिमा के दिन आयोजित किया जाता है ताकि भक्तों को भगवान हनुमान की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त हो सके।

इस उत्सव के दिन लोग हनुमान जी का ध्यान करते हैं, उनके पावन चरणों का अर्चना करते हैं, और उनके कथाओं का समर्पण करते हैं। यह उत्सव भक्तों को धार्मिक और आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देता है और उन्हें उत्साहित करता है कि वे सदैव सत्य, न्याय, और धर्म का पालन करें। इस प्रकार, हनुमान जन्मोत्सव का उत्सव विशेष तौर पर धार्मिक और आध्यात्मिक आयाम में महत्वपूर्ण होता है।

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हनुमान जी की प्रतिमा

 

हनुमान जन्मोत्सव का महत्व क्या है?

हनुमान जन्मोत्सव का महत्व अनेक रूपों में है।

1. भगवान हनुमान की पूजा और आराधना : हनुमान जन्मोत्सव के दिन भगवान हनुमान की पूजा और आराधना की जाती है, जो उनके भक्तों को उनके आशीर्वाद और कृपा का अनुभव कराती है।

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2. धार्मिक महत्व : हनुमान जन्मोत्सव धार्मिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। इस उत्सव के दिन भगवान हनुमान के लीला कथाओं का पाठ किया जाता है और धर्मिक संदेशों को साझा किया जाता है।

3. आत्मिक उन्नति : हनुमान जन्मोत्सव के उत्सव में भाग लेने से भक्तों की आत्मिक उन्नति होती है। यह उन्हें ध्यान, श्रद्धा, और साधना की ओर प्रेरित करता है।

4. सामाजिक एकता : हनुमान जन्मोत्सव के उत्सव में समाज के लोग एक साथ आते हैं और उस अवसर पर सामाजिक एकता और समरसता का अनुभव करते हैं।

5. परंपरा और संस्कृति का विकास : हनुमान जन्मोत्सव एक प्राचीन परंपरा है जो धर्म, संस्कृति, और भारतीय जीवनशैली का हिस्सा है। इसके माध्यम से परंपरा और संस्कृति का विकास और संजीवनी होता है।

इन सभी कारणों से हनुमान जन्मोत्सव का महत्व धार्मिक, सामाजिक, और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्वपूर्ण है।

 

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