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विपक्ष पर भारी पड़ रहा है MSME सेक्टर में हुआ विकास, योगी सरकार में 95 लाख इकाइयों को मिला ऋण

एमएसएमई सेक्टर में बीते पांच वर्षों के दौरान 3.28 करोड़ लोगों को रोजगार मिला है। इस बात की पुष्टि MSME सर्वेक्षण रिपोर्ट ने की है।

By इंडिया वॉइस 

Updated Date

Uttar Pradesh : पश्चिम उत्तर प्रदेश की 58 विधानसभा सीटों पर पहले चरण में 10 फरवरी को मतदान होना है। हर राजनीतिक दल जनहित के मुद्दों से लेकर लोकलुभावन घोषणाएं करते हुए चुनाव प्रचार में जुटा है। ऐसे में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) को बढ़ावा देने के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार के किए गए प्रयास विभिन्न राजनीतिक दलों पर भारी पड़ रहे हैं।

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3.28 करोड़ लोगों को मिला रोजगार 

सरकार ने बीते पांच वर्षों के दौरान MSME सेक्टर में कारोबार करने के लिए 95 लाख इकाइयों को वित्त पोषित करते हुए 2.50 लाख करोड़ रुपये से अधिक का ऋण मुहैया कराया है। यह ऋण पांच योजनाओं में दिया गया है। इसके चलते 3.28 करोड़ लोगों को MSME सेक्टर में रोजगार मिला है।

MSME सर्वेक्षण रिपोर्ट ने इसकी पुष्टि की है। रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश के कारोबारी वर्ग में MSME सेक्टर एक बड़ी ताकत बन गया है और राज्य में बेरोजगारी की दर में 17.9 प्रतिशत की कमी हुई है। इसके चलते ही प्रदेश में अब विपक्षी दल MSME कारोबारियों के बीच अपनी हवा नहीं बना पा रहे हैं।

योगी सरकार में हुआ है MSME सेक्टर में यह बदलाव

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MSME सेक्टर में यह बदलाव योगी सरकार के शासनकाल में हुआ है। अखिलेश सरकार में यह सेक्टर पूरी तरह से उपेक्षित रहा था। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2016-17 में 6,35,583 MSME इकाइयों को 27,202 करोड़ रुपये का ऋण उपलब्ध कराया गया था। योगी सरकार में इस सेक्टर की तस्वीर बदली है। प्रदेश सरकार की औद्योगिक नीतियों के चलते इस सेक्टर में लगातार निवेश बढ़ रहा है।

देश की 14.2 % MSME इकाइयां यूपी में 

हर जिले में नई MSME इकाइयों की स्थापना हो रही है। कोरोना के वैश्विक संकट के दौरान भी इस सेक्टर में करीब डेढ़ लाख से अधिक नई इकाइयां लगाई गईं। अब देश की 14.2 प्रतिशत MSME इकाइयां उत्तर प्रदेश में हैं। इस सेक्टर में बीते पांच वर्षों के दौरान 3.28 करोड़ लोगों को रोजगार मिला है। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के विशेष प्रयास के चलते MSME के कारोबारियों का भाजपा के लिए एक नया कोर वोट बैंक तैयार हो गया है।

आगामी चुनावों में यह सेक्टर निभा रहा है अहम भूमिका

कारोबार जगत से जुड़े लोग यह कह रहे हैं कि आगामी चुनावों में यह सेक्टर भी अहम भूमिका निभा रहा है। कारोबारियों के इस दावे की वजह भी है। योगी सरकार ने इस सेक्टर के विकास पर खास ध्यान दिया है। उनके प्रयासों से इस सेक्टर को कारोबार करने के लिए ऋण मुहैया कराने पर जोर दिया गया। तो इस सेक्टर में बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी इकाई लगाने में रुचि दिखाई।

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योगी सरकार ने कोरोना संकट के दौरान भी कोई MSME इकाई बंद नहीं होने दी। तब सरकार ने जीवन और जीविका को बचाने के लिए इंडस्ट्रियल लॉकडाउन नहीं किया। सरकार का यह फैसला सूबे की MSME इकाइयों के लिए संजीवनी साबित हो रहा है। नए उद्यमियों ने इस त्रासदी में भी उद्यमिता का परिचय देते हुए नई इकाइयां स्थापित कीं। सरकार के आंकड़े इसे उजागर करते हैं।

बीते तीन वर्षों से 1.14 लाख करोड़ रुपये से अधिक का हो रहा है निर्यात 

इन आंकड़ों के अनुसार, MSME सेक्टर के माध्यम से प्रदेश लगातार बीते तीन वर्षों से 1.14 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निर्यात कर रहा है। सरकारी आंकड़ों से भी इसे समझा जा सकता है। वित्त वर्ष 2016-17 में सपा सरकार के दौरान 6,35,583 MSME को 27,202 करोड़ रुपये का ऋण मुहैया कराया गया था।

जबकि 2017 में सत्ता परिवर्तन होते ही योगी सरकार में वित्त वर्ष 2017-18 में 7,87,572 MSME को 41,193 करोड़ रुपये का ऋण उपलब्ध कराया। वित्त वर्ष 2018-19 में 10,24,265 MSME उद्यमियों को 47,764 करोड़ रुपये और 2019-20 में 17,45,472 MSME उद्यमियों को 62,831 करोड़ रुपये का ऋण दिया गया। वित्त वर्ष 2020-21 में 34,80,596 MSME इकाइयों को 63,038 करोड़ का ऋण मुहैया कराया गया।

बीते पांच वर्षों में 2.50 लाख करोड़ रुपये से अधिक का ऋण 

कुल मिलकर बीते पांच वर्षों के दौरान MSME सेक्टर में कारोबार करने के लिए 95 लाख इकाइयों को वित्त पोषित करते हुए 2.50 लाख करोड़ रुपये से अधिक का ऋण मुहैया कराया गया है। इसके चलते 3.28 करोड़ लोगों को इस सेक्टर में रोजगार मिला। इतनी बड़ी संख्या में इस सेक्टर में लोगों को मिले रोजगार की वजह से बेरोजगारी की दर में 17.9 प्रतिशत की कमी हुई है।

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बड़ी संख्या में लोगों को मिला है रोजगार

MSME सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, बीते पांच वर्षों में इस सेक्टर में बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिला और इस सेक्टर को मंदी का शिकार नहीं होना पड़ा। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि MSME सेक्टर में सरकार के प्रयासों से मजबूती आई है। यह स्थिति बनी रहे, इसके लिए विधानसभा चुनावों में MSME सेक्टर की अहम भूमिका हो गई है।

विपक्ष पर भारी पड़ रहा है MSME सेक्टर में हुआ विकास

प्रदेश सरकार ने जिस तरह से इस सेक्टर पर ध्यान देते हुए कोरोना संकट के दौरान इस सेक्टर में कार्यरत लोगों की समस्याओं का निदान किया, उन्हें ऋण उपलब्ध कराया और कारोबार को बंद नहीं होने दिया, उसके चलते विपक्षी दलों के नेता MSME कारोबारियों के बीच अपनी हवा बनाने की हिम्मत तक नहीं कर पा रहे हैं। इसे देखते हुए लोगों का कहना है कि MSME सेक्टर में हुआ विकास विपक्ष पर भारी पड़ रहा है।

 

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