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पश्चिमी मोर्चे पर मिशन के लिए वायु सेना 50 और ‘रुद्र’ अटैक हेलीकॉप्टर खरीदेगी

- गोलियां बरसाने के अलावा एंटी टैंक मिसाइल भी दाग सकते हैं हल्के हेलीकॉप्टर

By इंडिया वॉइस 

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नई दिल्ली : सेना के ‘रुद्र’ अटैक हल्के हेलीकॉप्टर के प्रदर्शन ने वायु सेना को काफी प्रभावित किया है। इसलिए अब भारतीय वायु सेना भी हिमालय और पश्चिमी मोर्चे पर उच्च ऊंचाई वाले मिशनों के लिए 50 और रुद्र अटैक हेलीकॉप्टर खरीदेगी। रुद्र अटैक हेलीकॉप्टर दुश्मनों पर गोलियां बरसाने के अलावा एंटी टैंक मिसाइल भी दाग सकता है। इसमें एयर टू एयर मिसाइल भी तैनात किए जाने की योजना है, जो दुश्मन के किसी एरियल टारगेट जैसे ड्रोन और हेलीकॉप्टर को हवा में भी मार कर गिरा देगा।

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भारतीय सेना का रुद्र अटैक हेलीकॉप्टर ध्रुव ट्रांसपोर्ट हेलीकॉप्टर का उन्नत संस्करण है, जिसे भारत में ही हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने बनाया है। वर्तमान में भारतीय सेना 75 से अधिक रुद्र अटैक हेलीकॉप्टर का संचालन कर रही है। इनके अलावा 25 और हेलीकॉप्टरों का ऑर्डर दिया गया है, जिनके जल्द ही सेना में शामिल होने की संभावना है। सेना ने ‘रुद्र’ कहे जाने वाले हेलीकॉप्टर के एएलएच मार्क-IV संस्करण को चीन के साथ गतिरोध के दौरान पूर्वी लद्दाख में तैनात किया था। यह हेलीकॉप्टर लाइटवेट होने के कारण लद्दाख जैसे ऊंचे इलाकों में भी उड़ान भरने और हमला करने में सक्षम है। इस हेलीकॉप्टर को कुछ महीने पहले लद्दाख और अरुणाचल में कॉम्बेट एयर पेट्रोलिंग के लिए तैनात किया गया है।

वायु सेना के पास वर्तमान में हेलीकॉप्टरों की एक स्क्वाड्रन है लेकिन आने वाले समय में कम से कम तीन और स्क्वाड्रन बनाने की योजना है। 1990 के दशक के उत्तरार्ध से पुराने विमानों की सेवानिवृत्ति और कई दुर्घटनाओं के कारण भारतीय वायुसेना में लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टरों की संख्या घट रही है। इस कमी से निपटने के लिए वायु सेना ने अपने हवाई बेड़े का आधुनिकीकरण करना शुरू कर दिया है। इसमें मौजूदा विमान, उपकरण और बुनियादी ढांचे के उन्नयन के साथ-साथ स्वदेशी और आयातित दोनों नए विमानों और उपकरणों को शामिल करना शामिल है। नए विमानों और हेलीकॉप्टरों को बेड़े में शामिल करके वायु सेना की योजना 42 स्क्वाड्रन पूरी करने की है।

वायु सेना फिलहाल रुद्र और अपाचे हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल कर रही है। वायु सेना ने पहले ही 22 अमेरिकी एएच-64ई अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर और 68 लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (एलसीएच) का ऑर्डर दिया है। अब 50 रुद्र हेलीकॉप्टर खरीदने के लिए मामला रक्षा मंत्रालय को भेजा गया है। यानी अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर के साथ मिलकर रुद्र हेलीकॉप्टर चीन के किसी भी उकसावे पर भारी पड़ेगा। चीन अपने जिन हल्के टैंक के दम पर भारत को जंग के लिए चुनौती दे रहा है, रुद्र उसे कब्रगाह में बदलने की ताकत रखता है। अपाचे और रुद्र के रहते ये टैंक भारतीय सीमा में दाखिल नहीं हो सकते हैं। वायु सेना ने खरीदे जाने वाले 50 उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) को रेगिस्तानी क्षेत्र और चीन सीमा पर डेप्सांग में तैनात किये जाने की योजना बनाई है।

वायु सेना के लिए इस हेलीकॉप्टर में लगाए जाने वाले हथियारों को लेकर अभी कई निर्माताओं से बातचीत भी चल रही है। सेना और वायु सेना के लिए यह हेलीकॉप्टर उच्च ऊंचाई के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। ‘शक्ति इंजन’ से संचालित यह हेलीकॉप्टर 20 हजार फीट की ऊंचाई तक ले जा सकते हैं। एएलएच मार्क-IV 20 मिमी बुर्ज तोप, 70 मिमी रॉकेट पॉड और हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल से लैस है। हेलीकॉप्टर पर हेलिना एंटी टैंक मिसाइल लगाई जानी है। हेलीकॉप्टर को टैंक रोधी युद्ध और जमीनी सैनिकों के नजदीकी हवाई समर्थन के लिए नियोजित किया जा सकता है। हेलीकॉप्टर का अधिकतम टेक-ऑफ वजन 5,500 किलोग्राम है और यह 2,600 किलोग्राम का पेलोड ले जा सकता है। पायलटों के लिए हेलीकॉप्टर में बहुआयामी डिस्प्ले के साथ-साथ एक स्वायत्त उड़ान नियंत्रण प्रणाली भी शामिल है।

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