घोसी उपचुनाव में हार के बाद बीजेपी अलर्ट मोड में आ गई है। बीजेपी ने यूपी की सभी 80 लोकसभा सीटों को जीतने के लिए अब नए सिरे से रणनीति का ताना बाना बुनना शुरू कर दिया है। बीजेपी ने ओबीसी वोटरों को अपने साथ लाने के लिए अब सोशल मीडिया का सहारा लेगी।
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लखनऊ। घोसी उपचुनाव में हार के बाद बीजेपी अलर्ट मोड में आ गई है। बीजेपी ने यूपी की सभी 80 लोकसभा सीटों को जीतने के लिए अब नए सिरे से रणनीति का ताना बाना बुनना शुरू कर दिया है। बीजेपी ने ओबीसी वोटरों को अपने साथ लाने के लिए अब सोशल मीडिया का सहारा लेगी।
जिसके लिए सोमवार को लखनऊ के भाजपा मुख्यालय में सोशल मीडिया की कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, पिछड़ा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लक्ष्मण और भाजपा पिछड़ा वर्ग के अध्यक्ष नरेंद्र कश्यप भी मौजूद रहे। साफ है ओबीसी वोटरों को साधने की कोशशों में बीजेपी जुटी हुई है।
बीजेपी ने पहले ओबीसी महाकुंभ से लेकर बाइक रैली सबका आयोजन कर चुकी है और अब सोशल मीडिया पर अभियान शुरू करने जा रही है।सोशल मीडिया वॉलंटियर्स ओबीसी वर्ग के युवाओं तक बीजेपी की नीतियों के साथ ही सरकार की योजनाओं के संबंध में जानकारी पहुंचाएंगे। बीजेपी पिछड़ा वर्ग मोर्चा की तैयारी हर जिले में 20 हजार युवाओं की टीम तैयार कर रही है। और लोकसभा क्षेत्र से लेकर मंडल स्तर तक, अलग-अलग टीमें बनाई जाएंगी।
लोकसभा, विधानसभा और प्रदेश स्तर की टीम में 23- 23 लोग रहेंगे। जिले और मंडल स्तर पर 13-13 लोगों की टीम रहेगी।इसमें शामिल सोशल मीडिया वालंटियर केंद्र और राज्य सरकार की ओर पिछड़ा वर्ग के कल्याण के लिए किए गए काम को सोशल मीडिया के जरिए उनके बीच लेकर जाएंगे। 24 अक्टूबर को एक बड़ा सम्मेलन आयोजित करने की भी तैयारी है।वहीं बीजेपी की इस कसरत तक विपक्ष में बैठी सपा सियासी सवाल खड़े कर रही है ।
बीजेपी का ओबीसी मोर्चा हर विधानसभा क्षेत्र में पिछड़ा वर्ग के 50-50 कार्यकर्ताओं की टोली तैयार करेगा। टोली बनाने में ओबीसी की प्रमुख 79 जातियों पर फोकस किया जाएगा। ये टीमें घर-घर पहुंचकर चुनाव के लिए माहौल तैयार करेंगी। इन टोलियों के जरिए पिछड़ा वर्ग के सक्रिय कार्यकर्ता और नेता तैयार किए जाएंगे, जो लोकसभा चुनाव तक पूरे प्रचार की कमान भी संभालेंगे।
ये कार्यकर्ता ऐसे होंगे, जिन्हें ट्रेनिंग देकर सरकार के कामकाज के बारे में बताया जाएगा। मोर्चे का लक्ष्य है कि ढाई लाख से ज्यादा ओबीसी कार्यकर्ता तैयार किए जाएं। यानि साफ है लड़ाई का आगाज हो चुका है अब देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव में किसकी तैयारी में कितना दम है।