चीन सहित कई देशों में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। देश में नेजल वैक्सीन को आपात इस्तेमाल के लिए केंद्र सरकार की ओर से मंजूरी दे दी गई है।
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चीन सहित कई देशों में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। देश में नेजल वैक्सीन को आपात इस्तेमाल के लिए केंद्र सरकार की ओर से मंजूरी दे दी गई है। यह बूस्टर खुराक के तौर पर लगाई जा सकेगी। निर्णय के अनुसार, नेजल वैक्सीन पहले निजी अस्पतालों में उपलब्ध होगी।
जानकारी के मुताबिक, यह इंट्रानेजल वैक्सीन व्यापक रूप से प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को उत्तेजित करने में सहायक होगी। सार्स-सीओवी-2 जैसे कई वायरस सामान्यतौर पर म्यूकोसा के माध्यम से शरीर में प्रवेश करते हैं। यह नाक में मौजूद एक ऊतक है। वायरस म्यूकोसल झिल्ली में मौजूद कोशिकाओं और अणुओं को संक्रमित करते हैं।
ऐसे में नेजल शॉट के माध्यम से वायरस को शरीर में प्रवेश करने से पहले ही खत्म किया जा सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक इंट्रानेजल वैक्सीन शॉट इम्युनोग्लोबुलिन ए (IgA) का उत्पादन करते हैं, जो वायरस के प्रवेश की साइट यानी नाक में ही मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न करके वायरस को बढ़ने से रोक सकते हैं।
जब भी किसी वैक्सीन की बात होती है तो दिमाग में तस्वीर बन जाती है कि बाजुओं या शरीर के किसी भी हिस्से पर सुई से लगाई जाएगी लेकिन नेजल वैक्सीन को हाथ पर लगाए जाने के बजाय नाक से दिया जाएगा। जितने भी अब तक शोध हुए हैं, उनमें यही बात सामने आई है कि कोरोना नाक से ही शरीर में जगह बनाता है। ऐसे में अगर नाक से इस वैक्सीन को दिया जाएगा तो यह काफी असरदार साबित होगी।