विपक्षी नेताओं ने सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि इन वारदातों के पीछे एक सुनियोजित मंशा है।
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नई दिल्ली, 16 अप्रैल। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित 13 विपक्षी दलों के वरिष्ठ नेताओं ने देश में सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिशों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की खामोशी की तीखी निंदा की है। विपक्ष के नेताओं ने कहा कि पीएम मोदी की चुप्पी इस बात की सीधी गवाही है कि हथियारबंद धर्मांध लोगों की करतूतों को उनकी सरकार का संरक्षण हासिल है।
We reiterate our commitment to combat and confront the poisonous ideologies which are attempting to entrench divisiveness in our society.
– Joint appeal by like-minded political parties to the people to maintain peace & harmony, demanding stringent punishment to perpetrators pic.twitter.com/SPz4rdHNQf
— Congress (@INCIndia) April 16, 2022
धर्मांध लोगों को सरकार का संरक्षण हासिल- विपक्ष
13 राजनीतिक दलों की ओर से शनिवार को जारी इस बयान में कहा गया कि लोगों के खानपान, पोशाक, धार्मिक विश्वास, त्यौहार और भाषा को लेकर सत्तारूढ़ दल की ओर से समाज में ध्रुवीकरण की कोशिश की जा रही है। धर्मांध लोगों को सरकार का संरक्षण हासिल है, ये ही कारण है कि उनके खिलाफ कोई कारगर कार्रवाई नहीं की जाती।
Prominent opposition leaders including Tejashwi Yadav, Sonia Gandhi, Sharad Pawar, Mamata Banerjee, MK Stalin,Sitaram Yechuri, Hemant Soren,Farooq Abdullah, release a joint statement against hate speeches & violence saying that PM's silence means official patronage to armed mobs. pic.twitter.com/yMQB5E0Shg
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) April 16, 2022
इन वारदातों के पीछे एक सुनियोजित मंशा- विपक्ष
रामनवमी और रमजान के दौरान देश के कई हिस्सों में हुई सांप्रदायिक हिंसा के सिलसिले में आए इस बयान में विपक्षी नेताओं ने सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि इन वारदातों के पीछे एक सुनियोजित मंशा है। देश का साप्रदायिक माहौल बिगाड़ने के लिए सरकार के संरक्षण में सोशल मीडिया और अन्य प्रचार-प्रसार माध्यमों का इस्तेमाल किया जाना बहुत दुखद है।
Appeal from 13 opposition parties to maintain peace & harmony.
We demand stringent punishment to the perpetrators of communal violence.
PM Modi's silence is an eloquent testimony to the fact that armed gangs enjoy the luxury of official patronage. pic.twitter.com/a7lt7pHsc5— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) April 16, 2022
प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी हैरान करने वाली- विपक्ष
विपक्षी दलों ने कहा कि पूरी घटनाक्रमों पर प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी हैरान करने वाली है। अपने बयानों और कार्रवाई से सांप्रदायिक वैमनस्यता पैदा करने वाले लोगों के खिलाफ पीएम मोदी ने एक भी शब्द नहीं कहा है।
सरकार से संयुक्त अपील करने वालों में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, राष्ट्रीय जनता दल नेता तेजस्वी यादव, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के डी राजा, फारवर्ड ब्लॉक के देवव्रत विश्वास, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के मनोज भट्टाचार्या, इंडियन मुस्लिम लीग के महासचिव पीके कुंहलीकुट्टी और कम्युनिस्ट पार्टी (एम-एल) महासचिव दीपांकर भट्टाचार्या शामिल हैं। विपक्षी नेताओं ने एक पत्र के जरिए लोगों से शांति और सद्भाव बनाए रखने और सांप्रदायिकता के दोषियों के लिए कड़ी सजा की मांग से जुड़ी संयुक्त अपील की है।