चिंतन शिविर के आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आजकल देश में उत्सव का माहौल है। ओणम, ईद, दशहरा, दुर्गा पूजा, दीपावली सहित अनेक उत्सव शांति और सौहार्द के साथ देशवासियों ने मनाए हैं।
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गुरूवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोजित हुए दो दिवसीय चिंतन शिविर में राज्यों के गृहमंत्रियों को संबोधित किया। देश की आंतरिक सुरक्षा और राज्यों के समक्ष सुरक्षा चुनौतियों को लेकर इस बैठक में चर्चा हुई।
चिंतन शिविर के आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आजकल देश में उत्सव का माहौल है। ओणम, ईद, दशहरा, दुर्गा पूजा, दीपावली सहित अनेक उत्सव शांति और सौहार्द के साथ देशवासियों ने मनाए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा अभी छठ पूजा समेत कई अन्य त्यौहार भी हैं। विभिन्न चुनौतियों के बीच इन त्योहारों में देश की एकता का सशक्त होना आपकी तैयारियों का भी प्रतीक है। संविधान में भले ही कानून और व्यवस्था राज्यों का दायित्व है लेकिन ये देश की एकता और अखंडता के साथ भी उतने ही जुड़े हुए हैं। सूरजकुंड में हो रहा गृहमंत्रियों का ये चिंतन शिविर कोआपरेटिव फेडरलिज्म का एक उत्तम उदहारण है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हर एक राज्य एक दूसरे से सीखे, एक दूसरे से प्रेरणा ले, देश की बेहतरी के लिए मिलजुल के काम करे ये संविधान की भी भावना है और देशवाशियों के प्रति हमारा दायित्व भी है।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि आजादी का अमृत काल हमारे सामने है। आने वाले 25 साल देश में एक अमृत पीढ़ी के निर्माण के हैं। ये अमृत पीढ़ी पंच प्राणों के संकल्प को धारण करके निर्मित होगी। विकसित भारत का निर्माण गुलामी की हर सोच से मुक्ति, विरासत पर गर्व, एकता और एकजुटता और सबसे प्रमुख बात नागरिक कर्तव्य इस पंच प्राणों का महत्त्व आप सभी भली भांति समझते हैं।
ये एक विराट संकल्प है जो सबके प्रयास से ही सिद्ध होगा। भले ही रास्ते और प्राथमिकता अलग हों लेकिन ये पंच प्राण देश के प्रत्येक राज्य में हमारी गवर्नेंस की प्रेरणा होनी चाहिए। जब ये सुशासन के मूल में होंगे तो भारत के सामर्थ्य का विराट विस्तार होगा।